विवादित धर्मगुरु नित्यानंद के यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा (USK) के प्रतिनिधियों ने पिछले माह संयुक्त राष्ट्र की बैठक में हिस्सा लेकर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया. USK के पूर्णत: महिलाओं वाले प्रतिनिधिमंडल (all-women delegation) के फोटो नित्यानंद ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किए हैं. इस Photos में विजयप्रिया नित्यानंद शामिल हैं जिन्होंने आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों की समिति (CESCR) द्वारा आयोजित चर्चा के दौरान अपना पक्ष रखा और नित्यानंद के लिए सुरक्षा की मांग की. विजयप्रिया ने कहा कि हिंदू धर्म की प्राचीन परंपराओं को पुनर्जीवित करने के लिए नित्यानंद को प्रताड़ित किया जा रहा है. यहां तक कि जन्म के देश से भी उन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया है.
जानें कौन है विजयप्रिया नित्यानंद
साड़ी और आभूषण से सजीधजी विजयप्रिया ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में अपना परिचय "संयुक्त राष्ट्र में कैलासा के स्थायी राजदूत" के तौर पर दिया.
फेसबुक प्रोफाइल के अनुसार, विजयप्रिया, अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में रहती हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड की गई फोटो में देखा जा सकता है कि विजयप्रिया ने दाहिने हाथ पर नित्यानंद का एक बड़ा सा टैटू गोदवा रखा है.
लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, विजयप्रिया ने मैनिटोबा यूनिवर्सिटी (University of Manitoba) से Microbiology में बीएससी ऑनर्स की डिग्री हासिल की है. वह जून 2014 में विश्वविद्यालय के डीन की ऑनर लिस्ट (सम्मान सूची) में थीं.
लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, विजयप्रिया चार भाषाओं - अंग्रेजी, फ्रेंच, हिंदी और क्रिओल और पिडजिन (French-based) का ज्ञान रखती हैं.
'कैलासा' की वेबसाइट में बताया गया है कि विजयप्रिया नित्यानंद देश की ओर से विभिन्न संगठनों के साथ बातचीत और करार करती हैं.
24 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक में विजयप्रिया ने कई देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. उन्होंने उन तस्वीरों को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया. कुछ अन्य फोटो में विजयप्रिया को कुछ अधिकारियों के साथ करार पर हस्ताक्षर करते हुए दिखाया गया है, जिनके बारे में उनका दावा है कि वे अमेरिकी थे.
'कैलासा' की वेबसाइट पर यह भी दावा किया है कि उसके 150 देशों में दूतावास और NGO हैं.
विजयप्रिया के बयानों पर यूएन ने यह कहा..
संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि वे 'काल्पनिक' देश के प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए बयानों की अनदेखी (इग्नोर) करेंगे. यूए की बैठक में 'कैलासा' के प्रतिनिधियमंडल की मौजूदगी ने दुनिया के साथ-साथ भारत को भी हैरान कर दिया है. हालांकि भारत सरकार की ओर से अभी तक इस मामले पर आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं आई है.
कहां है "कैलासा"
रेप और यौन उत्पीड़न सहित कई मामलों का सामना करने के बाद नित्यानंद ने कुछ साल पहले भारत छोड़ दिया था. उसने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया था. जानकारी के अनुसार, भारत छोड़ने के बाद, नित्यानंद 2019 में इक्वाडोर के तट पर एक द्वीप पर 'कैलासा' की स्थापना की. इसका नाम हिमालय में एक पर्वत के नाम पर रखा गया है जिसे भगवान शिव का वास माना जाता है. उस वक्त इक्वाडोर ने इस बात से इनकार किया था कि नित्यानंद उनके देश में है. नित्यानंद के उपदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जारी किए जाते हैं क्योंकि इस स्वयंभू धर्मगुरु ने 2019 के बाद से कोई सार्वजनिक उपस्थिति नहीं दी है.
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