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This Article is From Sep 24, 2022

केरल के CM पिनाराई विजयन ने पीएफआई की हिंसा को 'पूर्व नियोजित' बताया

केरल (Kerala) के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (CM Pinarayi) ने शनिवार को कहा कि एक दिन पहले राज्य में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) प्रायोजित हड़ताल के दौरान हिंसा पूर्व नियोजित थी और आश्वस्त किया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

केरल के CM पिनाराई विजयन ने पीएफआई की हिंसा को 'पूर्व नियोजित' बताया
एनआईए ने 11 राज्यों में छापेमारी कर पीएफआई के 106 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था. 
तिरुवनंतपुरम:

केरल (Kerala) के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (CM Pinarayi) ने शनिवार को कहा कि एक दिन पहले राज्य में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) प्रायोजित हड़ताल के दौरान हिंसा पूर्व नियोजित थी और आश्वस्त किया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उधर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने इस इस्लामी संगठन पर प्रतिबंध लगाने की बात की, जिसके खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा समेत अन्य आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया है.  महाराष्ट्र के पुणे में पीएफआई के विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाये जाने को लेकर भाजपा ने नाराजगी जताई है और पार्टी के विधायकों ने ऐसा नारा लगाने वालों को नहीं बख्शने की चेतावनी दी है. 

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने दावा किया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यालयों और उसके नेताओं के ठिकानों पर की गई देशव्यापी छापेमारी के दौरान जब्त दस्तावेजों में बेहद संवेदनशील सामग्री मिली है, जिसमें एक समुदाय विशेष के प्रमुख नेताओं को निशाना बनाया गया है. कोच्चि में विशेष एनआईए अदालत में सौंपी गई रिमांड रिपोर्ट में जांच एजेंसी ने यह आरोप भी लगाया है कि इस चरमपंथी इस्लामी संगठन ने युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) जैसे आतंकवादी समूहों में शामिल होने के लिए बरगलाया. 

एनआईए ने कोच्चि में दर्ज एक मामले के संबंध में 10 आरोपियों की हिरासत की मांग करते हुए 22 सितंबर को अदालत में रिपोर्ट सौंपी.  रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पीएफआई ने हिंसक जिहाद के तहत आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दिया और भारत में इस्लामी शासन की स्थापना की साजिश रची.  रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीएफआई “लोगों के एक वर्ग के समक्ष सरकारी नीतियों की गलत व्याख्या पेश कर भारत के प्रति नफरत फैलाने और सत्ता तथा उसके अंगों के खिलाफ घृणा का भाव उत्पन्न करने का काम करता है. ”

एनआईए ने 22 सितंबर को 11 राज्यों में छापेमारी कर पीएफआई के 106 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था.  रिपोर्ट के मुताबिक, “छापेमारी के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों में ऐसी सामग्री पाई गई है, जिससे पता चलता है कि एक समुदाय विशेष के प्रमुख नेताओं को निशाना बनाया जा रहा था.  इस ‘हिट लिस्ट' से मालूम होता है कि पीएफआई अपने नेताओं के माध्यम से समुदायों के बीच तनाव पैदा करने का काम कर रहा था. ”

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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