फारुक अब्दुल्ला (फाइल फोटो)
लंदन:
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने परमाणु युद्ध के खतरे के माध्यम से कश्मीर मसले का समाधान होने संबंधी धारणा को खारिज करते हुए कहा कि कश्मीर कभी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं होगा और 'आगे बढ़ने' के लिए वार्ता सबसे अच्छा तरीका है।
अब्दुल्ला ने स्वीकार किया कि जहां तक भारत और पाकिस्तान की बात है तो कश्मीर एक अहम एजेंडा रहा है। उन्होंने कहा, आपसी समझ के कुछ बिंदुओं तक पहुंचने के लिए दोनों देशों के बीच वार्ता महत्वपूर्ण है। उन्होंने रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत के साथ 'ए कन्वर्सेशन ऑन जम्मू एंड कश्मीर' विषय पर आधारित एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए यह बात कही।
'सीमाएं नहीं बदलेंगी'
अब्दुल्ला ने कहा, युद्ध के खतरों या परमाणु बम के इस्तेमाल से और यह कहकर कि हमारे पास परमाणु हथियार हैं, समस्या का समाधान नहीं हो सकता। हमें समझ के कुछ बिंदुओं तक पहुंचने के तरीके एवं साधन खोजने होंगे, फिर भले की वह ट्रैक 2 या 3 के माध्यम से हो। उन्होंने कहा, एक बात पूरी तरह से स्पष्ट है- सीमाएं नहीं बदलेंगी, देश चाहे जितना भी चाह लें, सीमाएं नहीं बदलेंगी।
'पाकिस्तान समझता क्यों नहीं है'
अब्दुल्ला ने कहा, वे (पाकिस्तान) कितनी भी कोशिश क्यों न कर लें, उन्हें कश्मीर नहीं मिलने वाला। यह नहीं होगा, तो क्यों बेमतलब में परेशानियां पैदा की जाएं। उन्हें यह क्यों समझ नहीं आता कि इस ओर भी मुस्लिम मारे जा रहे हैं, और सीमा के उस ओर भी मुस्लिम मारे जा रहे हैं। उन्होंने कहा, वे हम पर बम गिराते हैं और हम उन पर बम गिराते है। इसमें निर्दोष लोग मारे जाते हैं। यह 65 वर्षों से हो रहा है। बहुत हो चुका। मैं भारत और पाकिस्तान दोनों से कहना चाहता हूं, खुदा के लिए, अब बहुत हो चुका। कष्टों में रहने के बजाए हमें आपस में मिलकर आगे बढ़ने दें।
अब्दुल्ला ने स्वीकार किया कि जहां तक भारत और पाकिस्तान की बात है तो कश्मीर एक अहम एजेंडा रहा है। उन्होंने कहा, आपसी समझ के कुछ बिंदुओं तक पहुंचने के लिए दोनों देशों के बीच वार्ता महत्वपूर्ण है। उन्होंने रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत के साथ 'ए कन्वर्सेशन ऑन जम्मू एंड कश्मीर' विषय पर आधारित एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए यह बात कही।
'सीमाएं नहीं बदलेंगी'
अब्दुल्ला ने कहा, युद्ध के खतरों या परमाणु बम के इस्तेमाल से और यह कहकर कि हमारे पास परमाणु हथियार हैं, समस्या का समाधान नहीं हो सकता। हमें समझ के कुछ बिंदुओं तक पहुंचने के तरीके एवं साधन खोजने होंगे, फिर भले की वह ट्रैक 2 या 3 के माध्यम से हो। उन्होंने कहा, एक बात पूरी तरह से स्पष्ट है- सीमाएं नहीं बदलेंगी, देश चाहे जितना भी चाह लें, सीमाएं नहीं बदलेंगी।
'पाकिस्तान समझता क्यों नहीं है'
अब्दुल्ला ने कहा, वे (पाकिस्तान) कितनी भी कोशिश क्यों न कर लें, उन्हें कश्मीर नहीं मिलने वाला। यह नहीं होगा, तो क्यों बेमतलब में परेशानियां पैदा की जाएं। उन्हें यह क्यों समझ नहीं आता कि इस ओर भी मुस्लिम मारे जा रहे हैं, और सीमा के उस ओर भी मुस्लिम मारे जा रहे हैं। उन्होंने कहा, वे हम पर बम गिराते हैं और हम उन पर बम गिराते है। इसमें निर्दोष लोग मारे जाते हैं। यह 65 वर्षों से हो रहा है। बहुत हो चुका। मैं भारत और पाकिस्तान दोनों से कहना चाहता हूं, खुदा के लिए, अब बहुत हो चुका। कष्टों में रहने के बजाए हमें आपस में मिलकर आगे बढ़ने दें।
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