नई दिल्ली:
कश्मीर विवाद के समाधान के लिए केन्द्र द्वारा नियुक्त वार्ताकारों के तीन सदस्यीय दल ने बुधवार को अपनी अंतिम रपट गृह मंत्री पी चिदंबरम को सौंप दी। शाम को गृह मंत्री को रपट सौंपने के बाद दल में शामिल वार्ताकार एवं मशहूर पत्रकार दिलीप पडगांवकर ने कहा कि कश्मीर समस्या के राजनीतिक समाधान के लिए यह संभवत: जम्मू-कश्मीर के लोगों द्वारा व्यक्त की गयी अब तक की सबसे व्यापक राय है, जिसे रपट में शामिल किया गया है। दो अन्य वार्ताकारों राधा कुमार और एम एम अंसारी की मौजूदगी में पडगांवकर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि रपट का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर की समस्या का स्थायी राजनीतिक समाधान खोजना है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक समाधान के अलावा रपट में अन्य कई मुद्दों को भी शामिल किया गया है, जिनका ताल्लुक सीधे सीधे राज्य की जनता से है। इसमें उनके आर्थिक हालात, सामाजिक स्थिति और सांस्कृतिक पहलू को शामिल किया गया है। पडगांवकर ने कहा कि गृह मंत्री ने उनसे कहा है कि वह अब इस रपट को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के समक्ष पेश करेंगे, जो सितंबर 2010 में राज्य के दौरे पर गया था। उन्होंने कहा, हमने गृह मंत्री से आग्रह किया है कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से रपट पर चर्चा के बाद इसे सार्वजनिक किया जाए ताकि इस पर व्यापक रूप से पूरे देश में और विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में चर्चा हो सके। पडगांवकर ने कहा कि वार्ताकारों के दल ने चिदंबरम से पेशकश की है कि यदि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल चाहे तो वे उनके साथ रपट के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा में शामिल होने को तैयार हैं। कुल मिलाकर हमारा उद्देश्य राज्य में स्थायी शांति, स्थिरता और खुशहाली कायम करना है।