कर्नाटक के स्कूलों में बच्चों की हिफाज़त के लिए दिशा निर्देश तैयार करने और इसके क्रियान्वयन पर नज़र रखने के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी बी उमेश की अध्यक्षता में 14 सदस्यों वाली एक समिति का गठन किया है।
इस 14 सदस्यीय टास्क फोर्स में गृह एवं शहरी विकास मंत्रालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव, कानून, महिला एवं बाल विकास और शिक्षा मंत्रालय के प्रमुख सचिव और जिले के पुलिस प्रमुख को शामिल किया गया है।
कर्नाटक हाई कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई पांच दिसंबर को होगी। कोर्ट ने साफ़ किया है की तब तक बच्चों की हिफाज़त के लिए उठाए गए कदमों और कार्रवाई के साथ सरकार कोर्ट में अपना पक्ष रखे।
राज्य के पब्लिक इंस्ट्रक्शन कमिश्नर एम मोहसिन को कोर्ट ने आदेश दिया की वह विभाग के प्रमुख होने के नाते एक पथ प्रदर्शक की भूमिका निभाए। सरकारी अधिकारियों के हितों की ज़रूरत से ज़्यादा हिफाज़त करना समाज के हित में नहीं है।
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा की टास्क फोर्स जो दिशा निर्देश तैयार करेगी उसका सभी स्कूलों को पालन करना होगा, चाहे वह अल्पसंख्यक श्रेणी में आते हो या सरकार के मातेहत, निजी हों या सरकारी अनुदान पाने वाले।
निजी स्कूलों की वकालत कर रहे वरिष्ठ वकील जी एन मोहन ने कोर्ट में कहा की मीडिया किसी भी मामले को चौबीसों घंटे दिखाता है ऐसे में मामला बिगड़ जाता है। इस पर कोर्ट का जवाब था की मीडिया लोक हितों की रक्षक है। वह वही दिखाता है जो आस पास हो रहा होता है।
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