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This Article is From Apr 12, 2023

कर्नाटक: जगदीश शेट्टर की 'बगावत' के बाद झुकी BJP? बीएस येदियुरप्पा बोले- मिलेगा चुनाव का टिकट

आरएसएस और बीजेपी में लंबे समय से काम कर रहे जगदीश शेट्टर उत्तरी कर्नाटक में बीजेपी के मजबूत नेता माने जाते हैं. कर्नाटक में येदियुरप्पा के बाद वह दूसरे सबसे बड़े लिंगायत नेता हैं.

कर्नाटक चुनाव से पहले बीएस येदियुरप्पा ने राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया है.

बेंगलुरु:

कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 (Karnataka Assembly Elections 2023) के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 189 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है. इस बीच टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी के अंदरखाने कलह शुरू हो गई है. कर्नाटक में सीएम रहे और 6 बार के विधायक जगदीश शेट्टर का भी टिकट काटा गया है. ऐसे में शेट्टर जिद पर अड़ गए हैं. उन्होंने कहा है कि वो चुनाव तो वह हर हाल में लड़ेंगे.अब जगदीश शेट्टर के रुख को देखते हुए बीजेपी के कद्दावर नेता अमित शाह ने उन्हें दिल्ली बुलाया है. इससे पहले शेट्टर प्रह्लाद जोशी से मिलने पहुंचे हैं. इस बीच राज्य के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने भी बड़ा दावा किया है. येदियुरप्पा ने कहा कि शेट्टर को 99 फीसदी टिकट मिलेगा.

सिटी रवि बोले- टिकट को लेकर हंगामा जल्द शांत होगा
येदियुरप्पा के बयान के बाद सिटी रवि का बयान सामने आया है.  उन्होंने कहा, 'कर्नाटक चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर जो हंगामा हो रहा है, वो जल्द शांत हो जाएगा. जगदीश शेट्टर हमारे बड़े नेता हैं. वो दिल्ली में बैठक करने गए हैं. देखिए क्या होता है.'
 

शेट्टर ने की 'बगावत'
इससे पहले मंगलवार को टिकट काटे जाने के बाद जगदीश शेट्टर ने कहा, 'मुझे हाई कमान का फोन आया कि मैं दूसरों को मौका दूं. मैंने कहा कि मैंने 30 साल बीजेपी के लिए काम किया है. 6 बार विधायक रहा, सीएम बना तो मेरे चुनाव न लड़ने का क्या कारण है? क्या सर्वे कहता है कि मैं हार जाऊंगा? पहले बता देते तब भी ठीक था लेकिन मैं इस फैसले से आहत हुआ हूं. मैं किसी भी कीमत पर चुनाव लडूंगा.' कर्नाटक में विधानसभा चुनाव 10 मई को होने हैं जबकि नतीजे 13 मई को आने हैं.

कौन हैं शेट्टर?
आरएसएस और बीजेपी में लंबे समय से काम कर रहे जगदीश शेट्टर उत्तरी कर्नाटक में बीजेपी के मजबूत नेता माने जाते हैं. कर्नाटक में येदियुरप्पा के बाद वह दूसरे सबसे बड़े लिंगायत नेता हैं.


मेरे माइनस पॉइंट क्या हैं?'
मंगलवार शाम को एक मीडिया ब्रीफिंग में बोलते हुए शेट्टर ने दावा किया, "मैंने उनसे सवाल किया कि मुझे चुनाव क्यों नहीं लड़ना चाहिए. मेरे माइनस पॉइंट क्या हैं? उन्होंने सभी निर्वाचन क्षेत्रों में जो सर्वेक्षण में किया है, मुझे जो जानकारी मिली है कि एक सकारात्मक प्रतिक्रिया आई है. लगभग 70 फीसदी सकारात्मक प्रतिक्रिया और जनता की राय (मेरे पक्ष में) है." उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेता भी इस बात से सहमत हैं कि सर्वेक्षण रिपोर्ट में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है. 


'मुझ पर कोई काला धब्बा नहीं'
शेट्टर ने जोर देकर कहा, "जब कोई सकारात्मक रिपोर्ट आती है और मुझ पर कोई काला धब्बा नहीं है, मेरे खिलाफ कोई भ्रष्टाचार का आरोप या अभियोग नहीं  है." उन्होंने ये कहा है कि वह पार्टी के लिए निष्ठावान थे और समर्पण के साथ काम करते थे. उनका कहना है कि उन्होंने सोचा कि क्या वफादारी ही उनके लिए एक माइनस पॉइंट है और इसके लिए कोई सम्मान नहीं है.

'सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए था'
उन्होंने आगे कहा, "जब उन्होंने (केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें चुनाव न लड़ने को कहा) ऐसा कहा, तो मुझे बहुत दुख हुआ. जगदीश शेट्टर, जिन्होंने 30 साल तक काम किया और पार्टी का निर्माण किया, वह इस स्थिति में पहुंच गए हैं, जो दर्दनाक था." यह खुलासा करते हुए कि उन्हें किसी अन्य पद की पेशकश की गई थी और केंद्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा करने के लिए कहा गया था. शेट्टार ने कहा कि उनके साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए था क्योंकि वह एक वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हैं.
 

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