दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कविता “व्हेयर द माइंड इज विदाउट फियर '' का पाठ करते हुए भीम आर्मी के प्रमुख को जमानत दी. अदालत ने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन करना नागरिकों का मौलिक अधिकार है, जिसमें सरकार कटौती नहीं कर सकती है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने कहा कि 1900 की शुरुआत में जब अंग्रेज फूट डालो, राज करो की नीति अपना रहे थे तब टैगोर ने ऐसे राष्ट्र की कल्पना की जहां लोगों के मन में कोई डर न हो, सभी को शिक्षा मिले और भेदभाव की दीवारें ना बनायी जाएं.
उन्होंने यह भी कहा कि शांतिपूर्ण विरोध करते हुए यह हमारा कर्तव्य है कि हम यह सुनिश्चित करें कि किसी दूसरे के अधिकार का हनन न हो और किसी को कोई असुविधा न हो. उन्होंने कहा कि टैगोर आज सबसे अधिक प्रासंगिक हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं