जेएनयू कैंपस में नकाबपोश हमलावरों के प्रवेश और स्टूडेंट्स सहित 34 लोगों पर हमले की घटना के चार दिन बाद गुरुवार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कहा कि उसने इस हमले के संबंध में कुछ संदिग्धों की पहचान की है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने दो व्हाट्सएप समूहों के कम से कम 70 एडमिन की पहचान की है, जिन समूहों में कथित तौर पर जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) के सदस्यों पर हमले की योजना बनाई गई थी. पुलिस के अनुसार, वे रविवार को हमला करने वालों की पहचान करने के बहुत करीब है और कुछ संदिग्धों की पहचान कर ली गई है. पुलिस ने अब तक विश्वविद्यालय के 100 से अधिक लोगों से बात की है, जिनमें छात्र, शिक्षक, वार्डन और गवाह शामिल हैं.
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गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में रविवार कुछ नकाबपोशों ने परिसर में प्रवेश कर छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था. बाद में प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा था .वहीं, पुलिस ने गुरुवार को कहा कि जेएनयू छात्र नेताओं ने अपने साथी प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ने के लिये 'उकसाया' जिससे तनाव बढ़ गया. पुलिस ने कहा कि उसने राजेन्द्र प्रसाद रोड पर सामान्य यातायात को भी रोक दिया. दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी अनिल मित्तल ने कहा कि जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों के एक समूह ने मंडी हाउस से राजेन्द्र प्रसाद रोड के रास्ते शास्त्री भवन स्थित मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक मार्च किया. शिक्षकों समेत नौ लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल मंत्रालय के संयुक्त सचिव से मिलने चला गया.
मित्तल ने कहा, 'जब तक वे बैठक में रहे तब तक प्रदर्शनकारी शांत रहे. हालांकि, जब बैठक के बाद प्रतिनिधिमंडल बाहर आया तो एक छात्र नेता ने प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ने के लिये उकसाया. उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया.' उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस दौरान 11 लोगों हिरासत में ले लिया, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया.
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