झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने झारखंड विधानसभा चुनाव के मतदान से पहले ही राज्य के चुनाव आयोग पर सवाल खड़े कर दिए हैं. जेएमएम महासचिव ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी समेत दो अधिकारियों को हटाने की मांग कर दी है.
जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिखे पत्र में बताया है कि 27 अक्टूबर को गिरिडीह पुलिस ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नामांकन में आ रहे मुर्मू को उनके साथियों सहित रोक लिया. इसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त रवि कुमार, आईपीएस संजय आनंद लाटकर और अमेल वेनुकांत होमकर ने अपने पद का दुरुपयोग कर स्थानीय अधिकारियों पर दबाव बनाकर इन लोगों को वाहन से उतार दिया. मुर्मू हेमंत सोरेन के प्रस्तावक थे.जेएमएम ने इन तीनों अधिकारियों की जांच की मांग की है. साथ ही उन्हें निर्वाचन प्रक्रिया से दूर रखने के लिए भी कहा है.
झारखंड की 81 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में चुनाव होंगे, जबकि महाराष्ट्र के साथ ही 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया, "झारखंड में चुनाव दो चरण में संपन्न होगा. पहले चरण में 43 सीटों पर मतदान 13 नवंबर और दूसरे चरण में 38 विधानसभा सीटों पर मतदान 20 नवंबर को होगा. मतगणना 23 नवंबर को होगी.
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