
सुर्खियां में बने रहना कोई बिहार के मुख्यमंत्री, जीतन राम मांझी से सीखे। शायद ही कोई ऐसा दिन होगा जब मांझी सुर्खियों में नहीं रहते। मंगलवार को केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव जीतन राम मांझी से मुख्यमंत्री आवास पर पटना में मिले।
हालांकि इस मुलाकात के बाद रामकृपाल यादव ने कहा कि वो केंद्र की कुछ परियोजनाओं के संबंध में मिलने गए थे, लेकिन उन्होंने साथ-साथ यह भी कह डाला कि जब दो राजनेता मिलते हैं तो राजनीति पर बात होना लाजिमी हैं और मांझी के साथ सहानुभूति प्रकट करते हुए रामकृपाल यादव ने कहा कि जनता दल युनाइटेड के नेता उन्हें जान बूझकर बेइज्जत कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो मांझी ने साफ़ किया कि वह फ़िलहाल न तो नीतीश न ही लालू के सामने झुकने वाले हैं।
इस मुलाकात के कई अर्थ लगाए जा रहे हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो रामकृपाल यादव के साथ मिलकर मांझी ने साफ़ कर दिया हैं कि उन्हें लालू यादव के नाराज होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि उन्हें मालूम है कि आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में मांझी एक नया महत्वपूर्ण फैक्टर होंगे। और इसी लिए बीजेपी के हर नेता इन दिनों बयान देते हैं कि वो मांझी सरकार को नहीं गिरने देंगे।
रामकृपाल और लालू के छत्तीस के आंकड़े के बाबजूद मांझी की ये मीटिंग साफ़ दिखाती हैं कि वह चाहे लालू हों या नीतीश फ़िलहाल ये नेता इस मुगालते में न रहे कि मांझी उनकी कृपा से कुर्सी पर हैं, लेकिन मांझी अब उनके बिना राजनीति करने की जमीं और साथी दोनों की तलाश ही नहीं कर रहे, बल्कि उनके लिए अपने दरवाजे अभी से खोल दिए है।
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