
बॉलीवुड में अपना पहचान बना पाना आसान नहीं है. कुछ कलाकार एक्टर बन जाते हैं तो कुछ साइड एक्टर बनकर ही पूरा करियर निकाल देते हैं. बॉलीवुड में लोग एक ही तरह के रोल करने से परहेज करते हैं मगर एक एक्टर ऐसे थे जिन्होंने 300 फिल्मों में एक जैसा रोल ही किया है. इन्होंने जिन फिल्मों में काम किया उसमें से ज्यादातर हिट ही साबित हुई थीं फिर भी इन्हें लीड एक्टर बनने का मौका कभी नहीं मिला. पिता ने बाद बेटे ने इंडस्ट्री में विलेन बनकर अपनी अलग पहचान बनाई. आइए आपको इस एक्टर के बारे में बताते हैं.
मुराद 300 फिल्मों में बनें जज
जिस एक्टर की हम बात कर रहे हैं उनका नाम मुराद है. मुराद ने बॉलीवुड में कई फिल्मों में काम किया है. मगर वो कभी लीड एक्टर नहीं बन पाए. उन्होंने अपने करियर में 300 फिल्मों में तो सिर्फ जज का ही किरदार निभाया. अगर आप 50-60 के दशक की फिल्में देखेंगे तो आप पहचान जाएंगे कि ये तो मुराद ही हैं क्योंकि हर फिल्म में वो ही जज बने नजर आते थे. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1940 में की थी. उन्होंने 90 के दशक तक काम किया वो आखिरी बार फिल्म कुर्बान में नजर आए थे.
नहीं बन पाए लीड
मुराद ने अपने करियर में आन, देवदास, मुगल-ए-आजम, यादों की बारात, मजबूर, कालिया और शहंशाह जैसी हिट फिल्में भी दीं. मगर उन्हें हमेशा ही सपोर्टिंग रोल ही मिला. जिसका उन्हें हमेशा अफसोस रहा. उन्होंने अपने करियर में 500 से ज्यादा फिल्मों में काम किया.
बेटा बना बॉलीवुड का विलेन
बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि रजा मुराद के पिता मुराद हैं. रजा मुराद ने इंडस्ट्री में विलेन बनकर अपनी जगह बनाई. रजा मुराद विलेन के रोल में छा जाते थे. वो अपने किरदार में ऐसे घुस जाते थे कि कोई कह नहीं सकता था कि वो सच में विलेन नहीं हैं.
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