राष्ट्रपति पद की दौड़ में प्रणब मुखर्जी को व्यापक समर्थन मिलने के उस वक्त संकेत मिले, जब जेडीयू के नेता शिवानंद तिवारी ने 'सम्मानित नेता को सम्मानजनक विदाई' देने की जोरदार वकालत की।
                                            
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        राष्ट्रपति पद की दौड़ में शनिवार को प्रणब मुखर्जी को व्यापक समर्थन मिलने के उस वक्त संकेत मिले, जब जेडीयू के नेता शिवानंद तिवारी ने 'सम्मानित नेता को सम्मानजनक विदाई' देने की जोरदार वकालत की।
तिवारी ने कहा कि यह उनका निजी विचार है कि प्रणब मुखर्जी जैसे वरिष्ठ एवं सम्मानित नेता, जो (सक्रिय राजनीति से) संन्यास लेने जा रहे हैं, उन्हें सम्मानजनक विदाई मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि मुखर्जी राष्ट्रपति का चुनाव जीतेंगे, क्योंकि मुलायम एवं मायावती यूपीए उम्मीदवार के तौर पर उनका समर्थन कर रहे हैं।
बहरहाल उन्होंने कहा कि एनडीए की बैठक में निर्णय लिए जाने की जरूरत है, जहां हम अपना विचार रखेंगे। जेडीयू, एनडीए में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है और बिहार में वह बीजेपी के साथ सत्ता में है।
वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी को शुक्रवार को सत्तारूढ़ यूपीए ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर चुना था, जिससे कई महीने से चल रही अटकलों पर विराम लग गया था। जेडीयू ने शुक्रवार को वस्तुत: एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति के रूप में पेश करने के मुद्दे पर अपने पांव पीछे खींच लिए थे।
                                                                        
                                    
                                तिवारी ने कहा कि यह उनका निजी विचार है कि प्रणब मुखर्जी जैसे वरिष्ठ एवं सम्मानित नेता, जो (सक्रिय राजनीति से) संन्यास लेने जा रहे हैं, उन्हें सम्मानजनक विदाई मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि मुखर्जी राष्ट्रपति का चुनाव जीतेंगे, क्योंकि मुलायम एवं मायावती यूपीए उम्मीदवार के तौर पर उनका समर्थन कर रहे हैं।
बहरहाल उन्होंने कहा कि एनडीए की बैठक में निर्णय लिए जाने की जरूरत है, जहां हम अपना विचार रखेंगे। जेडीयू, एनडीए में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है और बिहार में वह बीजेपी के साथ सत्ता में है।
वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी को शुक्रवार को सत्तारूढ़ यूपीए ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर चुना था, जिससे कई महीने से चल रही अटकलों पर विराम लग गया था। जेडीयू ने शुक्रवार को वस्तुत: एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति के रूप में पेश करने के मुद्दे पर अपने पांव पीछे खींच लिए थे।
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                                        JDU On Presidential, Shivanand Tiwari, Pranab Mukherjee, Sharad Yadav, राष्ट्रपति चुनाव पर जेडीयू, शिवानंद तिवारी, प्रणब मुखर्जी, शरद यादव
                            
                        