नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस यानी NDA के घटक दल जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra)के कथित भड़काऊ भाषण की आलोचना की है. जेडीयू का मानना है कि अगर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा विवेकपूर्ण तरीके से काम करते तो इस हिंसक घटना से बचा जा सकता था. जेडीयू के के प्रधान महासचिव केसी त्यागी (KC Tyagi) ने इस मसले पर NDTV से बातचीत में कहा, '25 सितंबर 2021 को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के कार्यक्रम में काले झंडे दिखाए गए थे. उसके बाद जिन लोगों ने काले झंडे दिखाए उनके घर पर पुलिस ने छापे डाले और केस दर्ज किया था. लोकल इंटेलीजेंस यूनिट (LIU) ने इस मसले पर 8 दिन पहले ही चेतावनी दी थी लेकिन जिला प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की. त्यागी ने कहा कि LIU की रिपोर्ट के बाद भी जिला प्रशासन क्या करती रही? अजय मिश्रा ने एक सभा में यह भाषण दिया था कि "पलिया ही नहीं लखीमपुर खीरी तक छोड़ना पड़ जाएगा"... उन्होंने एक सभा के दौरान मंच से कहा था 'विरोध करने वालों को मैं सुधार दूंगा.'
जेडीयू के इस दिग्गज नेता ने कहा कि यह किसी जिम्मेदार केंद्रीय मंत्री का भाषण नहीं हो सकता. अगर मंत्री महोदय विवेकपूर्ण तरीके से काम करते थे इस घटना से बचा जा सकता था. किसानों के खिलाफ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कथित विवादित बयान पर त्यागी ने कहा, 'सरकार में बड़े पदों पर बैठे लोगों को समाज में अंतर्विरोध को घटाने का काम करना चाहिए, न कि भड़काने का.
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. हिंसा उस समय भड़की जब विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक ग्रुप ने केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा और यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को रोकने की कोशिश की. प्रदर्शनकारी किसान, केंद्रीय मंत्री मिश्रा के हाल के एक भाषण से बेहद नाराज थे.
- - ये भी पढ़ें - -
* कोरोना से मौत होने पर परिवार को 50 हजार का मुआवजा, केंद्र की योजना पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर
* यूपी के डिप्टी सीएम ने कहा- किसानों का भेष धरकर आंदोलन करने वाले कामयाब नहीं होंगे
* यूपी में मंत्रियों के दौरे के दौरान हिंसा में मारे गए 8 लोगों में से 4 किसान: प्रमुख 10 बातें
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं