देश में जारी विपक्षी एकता की कवायद के बीच जदयू नेता केसी त्यागी ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा है कि अभी विपक्षी गठबंधन में नेतृत्व को लेकर बयानबाजी नहीं होनी चाहिए. जदयू नेता ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुझे प्रशन्नता है कि उन्होंने एकता के प्रयास शुरू किए हैं. लेकिन इसी बीच क्षेत्रीय पार्टियां भी एक मोर्चा बनाने में लगी हैं जिसका स्वरूप कांग्रेस और बीजेपी से अलग होने वाली है. इसमें के चंद्रशेखर राव, ममता बनर्जी, केजरीवाल, अखिलेश यादव समेत कई नेता शामिल हुए थे और फिर एक रैली विजयवाड़ा में शायद होने वाली है. जिसमें गैर कांग्रेसी गैर बीजेपी नेता शामिल होंगे.
केसी त्यागी ने कहा कि विपक्ष की एकता के लिए 2024 का नीतीश फार्मूला अलग है और सॉलिड है. वो चाहते हैं कि 2024 में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का एक मजबूत उम्मीदवार हो. जिन राज्यों में कांग्रेस की बढ़त है वहां कांग्रेस लीड करे.जिन राज्यों में क्षेत्रीय दलों का नेतृत्व भी बड़ा है और पार्टी भी बड़ी है वहां नेतृत्व क्षेत्रीय दलों को ही सौंप देना चाहिए. प्रधानमंत्री कौन होगा यह सवाल अभी तय नहीं हुआ है. यह तय हो जाता तो अच्छी बात है. लेकिन शरद पवार, नवीन पटनायक, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, प्रकाश सिंह बादल, केसीआर, वाईएसआर और केजरीवाल के बिना कैसी विपक्षी एकता बनेगी इसे लेकर हमें शक है.
खरगे ने कहा है कि 2009 में हम सब अलग-अलग लड़े थे लेकिन बाद में हम सब एकजुट हो गए. लेकिन मैं खड़गे जी से आदर पूर्वक यह कहना चाहता हूं कि उस वक्त जो नंबर था वह आज से कई गुना ज्यादा था. आज वह विपक्ष के नेता भी नहीं हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के सभी नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं हम यूपीए और एनडीए और थर्ड फ्रंट के साथ भी रहे हैं. उनका भी उपयोग जरूरत होने पर हम कर सकते हैं.
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