राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने अग्रनिपथ योजना को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे युवाओं से खास अपील की है. उन्होंने युवाओं से प्रदर्शन के दौरान हिंसा से दूर रहने की बात कही. चौधरी ने कहा कि हमे सरकार को घरेना है ताकि वो अपने इस फैसले पर दोबारा से विचार कर सके, लेकिन इसके लिए आपको हिंसा से दूरी बनाकर चलना होगा. सरकार को इस योजना को वापस लेना ही होगा. जयंत ने कहा सरकरा की इस घोषणा के बाद गांवों में तो अब लोग यहां तक कहने लगे हैं कि जो युवा चार साल के लिए सेना में जाएंगे उनसे शादी कौन करेगा. ये कोई स्थायी नौकरी थोड़ी ना है.
एनडीटीवी से खास बातचीत करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि सरकार को प्रदर्शन कर रहे युवा अभ्यर्थियों के प्रति संवेदना दिखानी चाहिए. सरकार की इस योजना के बाद ये युवा अब नाउम्मीद से हो चुके हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए वो इनके साथ ऐसा बर्ताव करे जिनसे उनके अंदर एक उम्मीद पैदा हो. 2019 के बाद से अभी तक सेना में कोई भर्ती नहीं हुई है. इस बात से ये अभ्यर्थी पहले ही काफी हताश थे, उसपर अब सरकार की चार साल के लिए भर्ती करने की योजना इनके लिए बड़ी निराशा की तरह है. बता दें कि जयंत चौधरी उत्तर प्रदेश के जिस इलाके से आते हैं वहां से बड़ी संख्या में युवा सेना में भर्ती होते हैं. यही वजह है कि यहां के युवाओं में सरकार के इस फैसले के खिलाफ खासा रोष है.
उनके क्षेत्र में इस योजना को लेकर क्या माहोल है, ये पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सरकार ने जानबूझकर भर्तियों लाने में देरी की है, क्योंकि सरकार इस स्कीम को लाना चाहती थी. सरकार को लगा होगा कि लंबे समय से भर्ती न किए जाने की वजह से सेना में शामिल होने की इच्छा रखने वाले युवाओं की संख्या काफी ज्यादा होगी, औऱ उन्हें इस स्कीम के लॉन्च होते ही सभी का समर्थन मिलेगा. लेकिन हुआ इसका उलट.
बता दें कि सरकार ने 14 जून को इस योजना की घोषणा की थी. सरकार ने कहा था कि इस योजना के तहत 17.5 से लेकर 21 साल तक के युवाओं को सेना में शामिल होने का मौका दिया जाएगा. ये भर्ती चार साल के लिए होगी और चार साल के बाद जितने युवा भर्ती हुए थे उनमे से 25 फीसदी को ही कुल 15 साल के लिए स्थायी किया जाएगा. हालांकि बाद में सरकार ने पहले साल के लिए होने वाली भर्ती में उम्र सीमा को 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दिया है.
जयंत ने कहा कि सरकार ने अभी तक ये भी साफ नहीं किया है कि आखिर वो किन मापदंडों के आधार पर 25 फीसदी का चयन करने वाले हैं. सरकार इस योजना के तहत इस साल 40 हजार युवाकों को रोजगार देने की तैयारी में है. और बाद में इन 40 हजार में से सिर्फ 10 हजार युवाओं को ही आगे के लिए चुना जाएगा. जबकि 2019 में सरकार ने 80 हजार युवाओं को पक्की नौकरी दी थी.
उन्होंने इस योजना को सरकार द्वारा जल्दबाजी में लिया गया निर्णय बताया है. जयंत ने कहा कि सोचिए जरा कि हम चीन जैसे देश को क्या संकेत दे रहे हैं. मैं प्रदर्शन कर रहे युवाओं से सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि हम सब आपके साथ हैं, सरकार के ऊपर आप का हक है. अगर आप हिंसा किए बगैर प्रदर्शन करेंगे तो आपकी आवाज ज्यादा सही तरीके से सुनी जाएगी. एक आम आदमी भी अब ये समझ रहा है कि आप लोगों के साथ क्या गलत हुआ है. लेकिन तोड़फोड़ करने से लोगों का आपसे भरोसा कम होगा. इसलिए हिंसा किए बगैर इस योजना का विरोध करें.
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