
नेशनल ब्रदर्स डे भाई-बहनों के बीच अटूट रिश्ते को मनाने का सबसे खास समय है. चाहे वो टीवी का रिमोट हो या मिठाई का बड़ा टुकड़ा, भाई-बहन की नोकझोंक के बावजूद, ये रिश्ता वक्त की सबसे बड़ी कसौटियों पर भी खरा उतरता है. बॉलीवुड ने हमेशा ऐसे किस्से गढ़े हैं, जिन्होंने हमें हंसाया, रुलाया और ये यकीन दिलाया कि एक ऐसा भाई होना कितना खास है जो हर हाल में हमारे साथ खड़ा हो. इस मौके पर, पेश हैं पांच ऐसी फिल्में जिनके ऑन-स्क्रीन भाइयों को हम हकीकत में भी पाना चाहते!
करण अर्जुन
करण अर्जुन एक आइकॉनिक फिल्म थी! शाहरुख खान और सलमान खान की जोड़ी ने पुनर्जन्म लेकर अपने परिवार के सम्मान का बदला लिया. राखी गुलज़ार का वो डायलॉग- "मेरे करण अर्जुन आएंगे", आज भी दर्शकों के दिल में गूंजता है. इस फिल्म ने साबित किया कि सच्चे भाईचारे का रिश्ता इतना मजबूत होता है कि उसे मौत भी तोड़ नहीं सकती.
कभी खुशी कभी ग़म
करण जौहर की इस बेहतरीन पारिवारिक ड्रामा में ऋतिक रोशन और शाहरुख खान के बीच भाईयों के रिश्ते को दिखाया गया है, जो दशकों तक अलग रहते हैं, लेकिन उनका रिश्ता कभी नहीं टूटता. K3G सम्मान, पारिवारिक मूल्यों और ऋतिक रोशन के मामले में, अपने भाई से फिर से मिलने और फिर अपने पूरे परिवार को फिर से मिलाने के लिए उन्होंने जो कुछ भी किया, उस पर आधारित थी. यह फिल्म एक बड़ी सफलता थी और इसे 'टाइमलेस क्लासिक' का दर्जा मिला, क्योंकि यह आज भी कई पीढ़ियों के दर्शकों को पसंद आती है.
रक्षा बंधन
अक्षय कुमार एक ऐसे बड़े भाई की भूमिका में हैं, जो अपनी बहनों की खुशी को हर चीज से ऊपर रखता है. छोटे शहर की भावनाओं को बड़े पर्दे पर लाने के लिए मशहूर आनंद एल राय द्वारा निर्देशित, यह फिल्म एक प्यार करने वाले भाई और उसकी बहनों के बीच के रिश्ते के खूबसूरत सार को दर्शाती है. यह फिल्म भाई-बहन के रिश्ते के उस अनकहे प्यार और समर्पण को बयां करती है, जो 'रक्षाबंधन' की असली भावना है- रक्षा, बलिदान और बिना शर्त प्यार.
अग्निपथ
विजय दीनानाथ चौहान के रूप में ऋतिक रोशन के दमदार अभिनय ने एक बड़े भाई की अपने छोटी बहन के प्रति सुरक्षात्मक प्रवृत्ति को उजागर किया, जो मुश्किल में फंस जाती है. फिल्म का भावनात्मक केंद्र इस बात के इर्द-गिर्द घूमता है कि एक भाई अपने परिवार के सम्मान की रक्षा और अपनी बहन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किस हद तक जा सकता है, जिससे यह बलिदान और सम्मान की एक मनोरंजक कहानी बन जाती है.
ब्रदर्स
अक्षय कुमार और सिद्धार्थ मल्होत्रा की यह फिल्म दो बिछड़े भाइयों की इंटेंस और संवेदनशील कहानी है. MMA की पृष्ठभूमि में बनी इस फिल्म में पारिवारिक त्रासदी और दर्द को दिखाया गया है, जिसने दोनों भाइयों को एक-दूसरे से दूर कर देता है, लेकिन अंत में वही दर्द उन्हें फिर से जोड़ता है. यह फिल्म क्षमा, समझ और पुनर्मिलन का भावनात्मक चित्रण को दर्शाता है.
बॉलीवुड ने बार-बार दिखाया है कि भाई-बहन का रिश्ता सबसे मजबूत और टिकाऊ रिश्तों में से एक है. इस नेशनल ब्रदर्स डे पर, ये सिनेमाई रत्न हमें याद दिलाते हैं कि भाई वाकई जीवन के सबसे बड़े वरदानों में से होते हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं