श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर के सांबा और कठुआ में गुरुवार को हुए आतंकी हमले के विरोध में बीजेपी ने आज जम्मू बंद बुलाया है। कठुआ के हीरानगर पुलिस स्टेशन और सांबा के सैन्य अड्डे पर हुए आतंकी हमले में एक लेफ्टिनेंट कर्नल समेत सेना और पुलिस के आठ जवान शहीद हो गए। इस हमले में दो स्थानीय लोगों की भी मौत हो गई।
वैसे, बीजेपी के इस बंद को कई दूसरे संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है। जम्मू चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने भी बीजेपी के इस बंद को समर्थन दिया है।
गौरतलब है कि हमला कठुआ के हीरानगर पुलिस स्टेशन पर किया गया, जिसमें उन्होने वहां मौजूद छह पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। चश्मदीदों ने बताया कि सभी आतंकवादी सेना की वर्दी में थे और वह एक ऑटो के जरिये थाने तक पहुंचे थे।
इसके बाद तीनों आतंकियों ने थाने में ही खड़े एक ट्रक पर कब्जा किया और उसके क्लीनर की गोली मार कर हत्या कर दी। उसके बाद ड्राइवर को बंदूक की नोक पर ट्रक ले जाने के लिए मजबूर किया।
सांबा की तरफ बढ़े इन आतंकियों ने पठानकोट−जम्मू हाइवे पर ट्रक को छोड़ दिया और एक किलोमीटर तक चलकर सांबा के सेना कैंप तक पहुंचे। जहां उन्होंने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
कैंप पर हमला होने के बाद सेना भी तुरंत हरकत में आ गई और आतंकियों की घेराबंदी शुरू कर दी गई। शाम करीब 4.30 बजे सेना ने हमले में शामिल तीनों आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की। इस बीच दिल्ली से एनएसजी का एक स्पेशल दस्ता भी सांबा पहुंच चुका था।
आतंकियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन में सेना ने टैंक और हेलीकॉप्टरों की भी मदद ली, जहां जमीन पर टैंक मोर्चा संभाले हुए थे। वहीं आसमान से हेलीकॉप्टरों के जरिये आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। दोनों जगहों पर हुए इस हमले में दस से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।
वहीं इस हमले की जिम्मेदारी अल शुहादा नाम के एक नए आतंकी संगठन ने ली है। बताया जा रहा है कि इस संगठन को पाकिस्तान से मदद मिलती है और जैश-ए-मोहम्मद और अल-बदर जैसे दूसरे आतंकी संगठनों से भी इसके लिंक हैं। इससे पहले अल शुहादा ने जुबिन मेहता के शो को भी धमकी दी थी।
सेना के कैंप पर हुए हमले में एक संतरी और लेफ्टिनेंट कर्नल बिक्रमजीत सिंह शहीद हो गए। साथ ही कैंप के कमांडिंग ऑफिसर भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। चंडीगढ़ के रहने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल बिक्रमजीत सिंह के घर में उनकी मौत के बाद से मातम फैला हुआ है और आज पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
उधर, इस हमले के बाद से एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के रिश्तों के बीच दूरी बढ़ी है और कई दलों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पाक पीएम नवाज शरीफ के साथ होने वाली बैठक को रद्द करने की बात कही है। बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा कि पीएम को लाशों पर बातचीत नहीं करनी चाहिए।
वहीं इस हमले को जम्मू-कश्मीर सरकार ने दोनों देशों के बीच होने वाली बातचीत को रोकने के लिए किया गया हमला बताया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर हमले का मकसद बातचीत को रोकना था तो हमें इसे विफल करना होगा और दोनों देशों को बातचीत जारी रखनी होगी।
हालांकि सेना के कुछ रिटायर्ड अफसरों ने इस हमले को सेना के मनोबल पर किया गया हमला बताया है और सरकार से अपील की है कि वह सेना को आतंकियों के खिलाफ पूरी तरह से कार्रवाई करने की इजाजत दे। इन पूर्व अधिकारियों ने पाक से बातचीत बंद करने की भी अपील की है।
वैसे, बीजेपी के इस बंद को कई दूसरे संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है। जम्मू चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने भी बीजेपी के इस बंद को समर्थन दिया है।
गौरतलब है कि हमला कठुआ के हीरानगर पुलिस स्टेशन पर किया गया, जिसमें उन्होने वहां मौजूद छह पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। चश्मदीदों ने बताया कि सभी आतंकवादी सेना की वर्दी में थे और वह एक ऑटो के जरिये थाने तक पहुंचे थे।
इसके बाद तीनों आतंकियों ने थाने में ही खड़े एक ट्रक पर कब्जा किया और उसके क्लीनर की गोली मार कर हत्या कर दी। उसके बाद ड्राइवर को बंदूक की नोक पर ट्रक ले जाने के लिए मजबूर किया।
सांबा की तरफ बढ़े इन आतंकियों ने पठानकोट−जम्मू हाइवे पर ट्रक को छोड़ दिया और एक किलोमीटर तक चलकर सांबा के सेना कैंप तक पहुंचे। जहां उन्होंने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
कैंप पर हमला होने के बाद सेना भी तुरंत हरकत में आ गई और आतंकियों की घेराबंदी शुरू कर दी गई। शाम करीब 4.30 बजे सेना ने हमले में शामिल तीनों आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की। इस बीच दिल्ली से एनएसजी का एक स्पेशल दस्ता भी सांबा पहुंच चुका था।
आतंकियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन में सेना ने टैंक और हेलीकॉप्टरों की भी मदद ली, जहां जमीन पर टैंक मोर्चा संभाले हुए थे। वहीं आसमान से हेलीकॉप्टरों के जरिये आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। दोनों जगहों पर हुए इस हमले में दस से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।
वहीं इस हमले की जिम्मेदारी अल शुहादा नाम के एक नए आतंकी संगठन ने ली है। बताया जा रहा है कि इस संगठन को पाकिस्तान से मदद मिलती है और जैश-ए-मोहम्मद और अल-बदर जैसे दूसरे आतंकी संगठनों से भी इसके लिंक हैं। इससे पहले अल शुहादा ने जुबिन मेहता के शो को भी धमकी दी थी।
सेना के कैंप पर हुए हमले में एक संतरी और लेफ्टिनेंट कर्नल बिक्रमजीत सिंह शहीद हो गए। साथ ही कैंप के कमांडिंग ऑफिसर भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। चंडीगढ़ के रहने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल बिक्रमजीत सिंह के घर में उनकी मौत के बाद से मातम फैला हुआ है और आज पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
उधर, इस हमले के बाद से एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के रिश्तों के बीच दूरी बढ़ी है और कई दलों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पाक पीएम नवाज शरीफ के साथ होने वाली बैठक को रद्द करने की बात कही है। बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा कि पीएम को लाशों पर बातचीत नहीं करनी चाहिए।
वहीं इस हमले को जम्मू-कश्मीर सरकार ने दोनों देशों के बीच होने वाली बातचीत को रोकने के लिए किया गया हमला बताया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर हमले का मकसद बातचीत को रोकना था तो हमें इसे विफल करना होगा और दोनों देशों को बातचीत जारी रखनी होगी।
हालांकि सेना के कुछ रिटायर्ड अफसरों ने इस हमले को सेना के मनोबल पर किया गया हमला बताया है और सरकार से अपील की है कि वह सेना को आतंकियों के खिलाफ पूरी तरह से कार्रवाई करने की इजाजत दे। इन पूर्व अधिकारियों ने पाक से बातचीत बंद करने की भी अपील की है।
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