आज से जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा खत्म हो गया. अब जम्मू-कश्मीर आधिकारिक तौर पर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के तौर पर दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंट गया है. पांच अगस्त को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने का ऐलान किया गया था. इसके साथ ही अनुच्छेद 370 के ज्यादात्तर प्रावधानों को हटाने की भी घोषणा की गई थी. गृह मंत्रालय की ओर से बुधवार देर रात जारी अधिसूचना में, मंत्रालय के जम्मू-कश्मीर संभाग ने प्रदेश में केंद्रीय कानूनों को लागू करने समेत कई कदमों की घोषणा की. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेशों की अगुवाई उपराज्यपाल (एलजी) गिरीश चंद्र मुर्मू और आर के माथुर करेंगे. वे गुरुवार को पदभार ग्रहण करेंगे. यह पहली बार होगा जब किसी राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में तब्दील किया गया है. इस सिलसिले में श्रीनगर और लेह में दो अलग-अलग शपथग्रहण समारोहों का आयोजन किया जाएगा. इसी के साथ जम्मू-कश्मीर के संविधान और रणबीर दंड संहिता का गुरुवार से अस्तित्व खत्म हो जाएगा
अभी तक सूचना का अधिकार (RTI) का नियम लागू नहीं था, जो अब लागू हो जाएगा. शिक्षा का अधिकार का नियम (RTE) भी लागू हो जाएगा. वहीं CAG जो की अभी तक लागू नहीं था, वह भी लागू हो जाएगा.
J&K अब राज्य नहीं रहा, आधिकारिक तौर पर बने दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख
वहीं, माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री रहे महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद और फारुक अबदुल्ला को अपने-अपने सरकारी बंगले खाली करने पड़ेंगे. मिली जानकारी के मुताबिक इनमें से पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को 1 नवंबर तक बंगाल खाली करने का नोटिस दे दिया गया है. दोनों ही इस समय 5 अगस्त से हिरासत में हैं. अभी तक सुरक्षा वजहों से इन सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों (महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती) को सुरक्षा का हवाला देकर श्रीनगर के अति सुरक्षा वाली जगह गुपकर रोड में आवंटित किया गया था. ये सभी बंगले इन नेताओं को आजीवन आवंटित थे. फिलहाल इन सभी को विकल्प के तौर पर यह भी कहा गया है कि जिन लोगों के पास जम्मू और श्रीनगर दोनों जगहों पर सरकारी बंगले हैं वह दोनों में से किसी एक जगह सरकारी बंगला ले सकते हैं.
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अब जम्मू-कश्मीर में अन्य राज्यों के लोग भी जमीन खरीद सकेंगे. विशेष राज्य के दर्जे की वजह से अभी तक वहां दूसरे राज्य का व्यक्ति किसी भी तरह की जमीन नहीं खरीद सकता था. इसके साथ ही पाकिस्तानी नागरिक कश्मीर की लड़की से शादी करने के बाद अब भारत की नागरिकता नहीं पा सकेंगे.
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पुडुचेरी की तरह ही विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख चंडीगढ़ की तर्ज पर बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश होगा. गुरुवार को केंद्रशासित प्रदेश बनने के साथ ही जम्मू-कश्मीर की कानून-व्यवस्था और पुलिस पर केंद्र का सीधा नियंत्रण होगा, जबकि भूमि वहां की निर्वाचित सरकार के अधीन होगी. लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश केंद्र सरकार के सीधे नियंत्रण में होगा.
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