बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
पटना:
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया है कि राज्य के किसी भी कोने से राजधानी पटना पहुंचने में पांच घंटे से अधिक समय न लगे। इसे हर हाल में सुनिश्चित किया जाये तथा इसके लिये प्रदेश में सड़क निर्माण की योजनाओं को तेजी से लागू किया जाये।
नीतीश ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद सभाकक्ष में पथ निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान नीतीश ने निर्देश दिया कि राज्य के किसी भी कोने से राजधानी पटना पहुंचने में पांच घंटे से अधिक समय न लगे। इसे हर हाल में सुनिश्चित किया जाये तथा इसके लिये प्रदेश में सड़क निर्माण की योजनाओं को तेजी से लागू किया जाये।
उन्होंने कहा कि चल रही योजनाओं का बेहतर निगरानी की जाये। भविष्य में सड़कों पर आने वाले लोड की गणना कर योजना चलायी जाये ताकि यातायात में वृद्धि होने पर भी लोगों को दिक्कत न आये।
पुल निर्माण के साथ ही बने संपर्क सड़क
नीतीश ने कहा कि कहीं भी पुल निर्माण के साथ-साथ सम्पर्क पथ पर भी काम चले ताकि पुल बन जाने के बाद रोड के अभाव में पुल अनुपयोगी न रह जाये। पुल निर्माण के बाद संपर्क पथ बनाने पर उसके लागत में भी वृद्धि की संभावना रहती है।
बैठक में पावर प्वाईंट प्रजेंटेशन के जरिए पथ निर्माण विभाग द्वारा बताया गया कि राज्य में नेशनल हाइवे 4590 किलोमीटर, स्टेट हाइवे 4227 किलोमीटर एवं 10,633 किलोमीटर मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड है। इस अवसर पर विभाग द्वारा विजन 2020 की भी प्रस्तुति की गयी।
लखीसराय तक हो बिहटा-सरमेरा रोड
मुख्यमंत्री ने बिहटा-सरमेरा पथ का विस्तार कर इसे लखीसराय बालिका विद्यापीठ तक लिंक करने की आवश्यकता जतायी। उन्होंने कहा कि इससे लखीसराय जाने की दूरी घटेगी और समय भी कम लगेगा। भागलपुर के लिये भी यह पथ एक वैकल्पिक पथ बन जायेगा। नीतीश ने सड़कों के रखरखाव के संबंध में निर्देश दिया कि बालू लदे ट्रकों के परिचालन को नियंत्रित किया जाये क्योंकि अधिकांश ट्रक ओवरलोडिंग करते हैं और इनमें बालू के साथ पानी रहता है जो सड़कों को बर्बाद करता है। इस पर रोक लगाने के लिये कारगर कार्रवाई की जाये। उन्होंने संबंधित विभागों खनन, परिवहन, पर्यावरण से समन्वय कर इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश पथ परिवहन विभाग को दिया।
मुख्यमंत्री ने पटना-आरा फोर लेन सड़क निर्माण कार्य में हो रहे विलंब पर चर्चा के दौरान कहा कि जमीन की समस्या के निदान के लिये विकल्प पर सोचने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में जहां जगह की कमी है, वहां एलिवेटेड रोड बनाकर योजना को पूरा करने का विकल्प बनाया जा सकता है। इसके लिये विभाग सभी पहलुओं पर विचार कर प्रस्ताव लाये।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न पुल निर्माण की योजनाओं की समीक्षा के क्रम में दीघा रेल सह सड़क पुल, विशनपुर पुल (बेतिया-गोपालगंज), बंगरा घाट पुल (मुजफ्फरपुर-सारण), बख्तियारपुर-ताजपुर, सुलतानगंज-अगुवानी पुलों के कार्यों की भी जानकारी ली।
विभागीय सचिव ने बताया कि आरा-छपरा पुल जून 2016 तक पूरा हो जायेगा। बख्तियारपुर-ताजपुर पुल के जनवरी 2018 तक पूरा होने की संभावना है। अन्य सभी पुल निर्माण की योजना प्रगति पर है।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में चल रही अन्य सड़क निर्माण योजनाओं की भी विस्तृत जानकारी ली तथा उन्हें समय पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि योजनाओं की निगरानी बहुत जरूरी है। इस पर विभाग विशेष ध्यान दे।
मुख्यमंत्री ने बैठक में पुल निर्माण निगम तथा पथ निर्माण निगम के कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने पटना जंक्शन के उत्तर एवं दक्षिण में निर्माणाधीन फ्लाई ओवर से संबंधित विडियो क्लिप भी देखे और सभी फ्लाई ओवर निर्माण की योजनाओं को शीघ्र पूरा कर एक दूसरे से लिंक करने की आवश्यकता जतायी।
बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, वित्त विभाग के प्रधानसचिव रवि मित्तल, पथ निर्माण विभाग के प्रधानसचिव सुधीर कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार एवं अतिश चंद्रा सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
नीतीश ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद सभाकक्ष में पथ निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान नीतीश ने निर्देश दिया कि राज्य के किसी भी कोने से राजधानी पटना पहुंचने में पांच घंटे से अधिक समय न लगे। इसे हर हाल में सुनिश्चित किया जाये तथा इसके लिये प्रदेश में सड़क निर्माण की योजनाओं को तेजी से लागू किया जाये।
उन्होंने कहा कि चल रही योजनाओं का बेहतर निगरानी की जाये। भविष्य में सड़कों पर आने वाले लोड की गणना कर योजना चलायी जाये ताकि यातायात में वृद्धि होने पर भी लोगों को दिक्कत न आये।
पुल निर्माण के साथ ही बने संपर्क सड़क
नीतीश ने कहा कि कहीं भी पुल निर्माण के साथ-साथ सम्पर्क पथ पर भी काम चले ताकि पुल बन जाने के बाद रोड के अभाव में पुल अनुपयोगी न रह जाये। पुल निर्माण के बाद संपर्क पथ बनाने पर उसके लागत में भी वृद्धि की संभावना रहती है।
बैठक में पावर प्वाईंट प्रजेंटेशन के जरिए पथ निर्माण विभाग द्वारा बताया गया कि राज्य में नेशनल हाइवे 4590 किलोमीटर, स्टेट हाइवे 4227 किलोमीटर एवं 10,633 किलोमीटर मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड है। इस अवसर पर विभाग द्वारा विजन 2020 की भी प्रस्तुति की गयी।
लखीसराय तक हो बिहटा-सरमेरा रोड
मुख्यमंत्री ने बिहटा-सरमेरा पथ का विस्तार कर इसे लखीसराय बालिका विद्यापीठ तक लिंक करने की आवश्यकता जतायी। उन्होंने कहा कि इससे लखीसराय जाने की दूरी घटेगी और समय भी कम लगेगा। भागलपुर के लिये भी यह पथ एक वैकल्पिक पथ बन जायेगा। नीतीश ने सड़कों के रखरखाव के संबंध में निर्देश दिया कि बालू लदे ट्रकों के परिचालन को नियंत्रित किया जाये क्योंकि अधिकांश ट्रक ओवरलोडिंग करते हैं और इनमें बालू के साथ पानी रहता है जो सड़कों को बर्बाद करता है। इस पर रोक लगाने के लिये कारगर कार्रवाई की जाये। उन्होंने संबंधित विभागों खनन, परिवहन, पर्यावरण से समन्वय कर इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश पथ परिवहन विभाग को दिया।
मुख्यमंत्री ने पटना-आरा फोर लेन सड़क निर्माण कार्य में हो रहे विलंब पर चर्चा के दौरान कहा कि जमीन की समस्या के निदान के लिये विकल्प पर सोचने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में जहां जगह की कमी है, वहां एलिवेटेड रोड बनाकर योजना को पूरा करने का विकल्प बनाया जा सकता है। इसके लिये विभाग सभी पहलुओं पर विचार कर प्रस्ताव लाये।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न पुल निर्माण की योजनाओं की समीक्षा के क्रम में दीघा रेल सह सड़क पुल, विशनपुर पुल (बेतिया-गोपालगंज), बंगरा घाट पुल (मुजफ्फरपुर-सारण), बख्तियारपुर-ताजपुर, सुलतानगंज-अगुवानी पुलों के कार्यों की भी जानकारी ली।
विभागीय सचिव ने बताया कि आरा-छपरा पुल जून 2016 तक पूरा हो जायेगा। बख्तियारपुर-ताजपुर पुल के जनवरी 2018 तक पूरा होने की संभावना है। अन्य सभी पुल निर्माण की योजना प्रगति पर है।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में चल रही अन्य सड़क निर्माण योजनाओं की भी विस्तृत जानकारी ली तथा उन्हें समय पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि योजनाओं की निगरानी बहुत जरूरी है। इस पर विभाग विशेष ध्यान दे।
मुख्यमंत्री ने बैठक में पुल निर्माण निगम तथा पथ निर्माण निगम के कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने पटना जंक्शन के उत्तर एवं दक्षिण में निर्माणाधीन फ्लाई ओवर से संबंधित विडियो क्लिप भी देखे और सभी फ्लाई ओवर निर्माण की योजनाओं को शीघ्र पूरा कर एक दूसरे से लिंक करने की आवश्यकता जतायी।
बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, वित्त विभाग के प्रधानसचिव रवि मित्तल, पथ निर्माण विभाग के प्रधानसचिव सुधीर कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार एवं अतिश चंद्रा सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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