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This Article is From Feb 19, 2017

इसरो ने 400 टन के रॉकेट के लिए भारत के सबसे बड़े क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण किया

इसरो ने 400 टन के रॉकेट के लिए भारत के सबसे बड़े क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण किया
इसरो ने जीएससलवी एमके तृतीय के लिए स्वदेश निर्मित क्रायोजेनिक ऊपरी चरण का सफल परीक्षण किया.
नई दिल्‍ली: एक साथ 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कराकर इतिहास में नाम दर्ज कराने के बाद इसरो ने भूतुल्यकाली उपग्रह प्रक्षेपण वाहन जीएससलवी एमके तृतीय के लिए स्वदेश निर्मित क्रायोजेनिक ऊपरी चरण का सफल परीक्षण किया है.

इसरो ने शनिवार को बताया कि क्रायोजेनिक स्टेज सी 25 ने तमिलनाडु में तिरनेल्वेल्ली जिले के महेन्द्रगिरि स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में 640 सेकेंड के लिए प्रायोगिक तौर पर उड़ान भरी. इससे पहले सभी प्रणालियों की पुष्टि करने के लिए सी25 स्टेज ने 25 जनवरी 2017 को 50 सेकेंड के लिए सफल उड़ान भरी थी.

इसरो ने बताया कि स्टेज विकास के पहले तीन सीई 20 इंजन छोड़े गए थे, जिनमें से दो इंजनों का समुद्र तल में योग्यता परीक्षण किया गया और तीसरे इंजन को काफी ऊंचाई में 25 सेकेंड के लिए उड़ाया गया. इस चरण के परीक्षण को मील का पत्थर माना जा रहा है. इसरो का नई पीढ़ी का प्रक्षेपण वाहन जीएसएसवी एमके तृतीय चार टन श्रेणी के उपग्रहों को भूतुल्यकाली स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में प्रक्षेपित करने में सक्षम है.
 
isro cryo engine flame

उल्‍लेखनीय है कि बीते बुधवार को इसरो ने मेगा मिशन के जरिए विश्व रिकॉर्ड कायम करते हुए PSLV के जरिए एक साथ 104 सैटेलाइट का सफल लॉन्च किया. 44.4 मीटर लंबे और 320 टन वजनी रॉकेट पीएसएलवी-एक्सएल ने बुधवार सुबह 9.28 बजे आकाश को चीरते हुए उड़ान भरी. पृथ्वी अवलोकन उपग्रह काटरेसैट-2 सीरीज का वजन 714 किलोग्राम है. अन्य उपग्रहों में 101 नैनो उपग्रह हैं, जिनमें से इजरायल, कजाकस्तान, द नीदरलैंड्स, स्विट्जरलैंड व संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के एक-एक और अमेरिका के 96 तथा भारत के दो नैनो उपग्रह शामिल हैं. इन सभी उपग्रहों का कुल वजन लगभग 1,378 किलोग्राम है.

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