केरल उच्च न्यायालय ने 1994 के इसरो जासूसी मामले में एक पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) सहित चार लोगों को शुक्रवार को अग्रिम जमानत दे दी. शीर्ष अदालत ने पिछले साल दो दिसंबर को आरोपी को अग्रिम जमानत देने के केरल उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया था और मामले को वापस उच्च न्यायालय के पास भेजकर चार सप्ताह के भीतर इस मुद्दे पर फैसला करने का निर्देश दिया था.
न्यायमूर्ति के बाबू ने अग्रिम जमानत देते हुए उन्हें 27 जनवरी को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया.
उच्च न्यायालय ने जांच एजेंसी को निर्देश दिया कि उस दिन आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने की स्थिति में उन्हें जमानत दे दी जाए. अदालत ने आरोपियों को उसके बाद अगले दो सप्ताह तक प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार को अधिकारियों के सामने पेश होने का निर्देश दिया.
अदालत ने आरोपी की विदेश यात्रा पर भी रोक लगा दी और एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी.
शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय को निर्देश दिया था कि याचिकाओं पर 'नए सिरे से अपने गुण-दोषों के आधार पर' फैसला लिया जाए. शीर्ष अदालत का निर्देश गुजरात के पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार, केरल के दो पूर्व पुलिस अधिकारियों- एस विजयन और थम्पी एस दुर्गा दत्त तथा एक सेवानिवृत्त खुफिया अधिकारी पीएस जयप्रकाश को जमानत देने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सीबीआई की अपील पर आया था. श्रीकुमार उस समय खुफिया ब्यूरो के उपनिदेशक थे.
शीर्ष अदालत ने पिछले साल नवंबर में मामले में दायर सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया था.
सीबीआई ने जासूसी मामले में वैज्ञानिक नंबी नारायणन की गिरफ्तारी और हिरासत में लेने के सिलसिले में आपराधिक साजिश सहित विभिन्न अपराधों के लिए 18 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
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