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This Article is From Oct 26, 2018

इसरो एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करने की तैयारी में, 2022 तक अंतरिक्ष में भेज सकेगा इंसान 

इसरो के प्रमुख कैलाशवादिवू सीवन ने गुरुवार को यह जानकारी सार्वजनिक की.

इसरो एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करने की तैयारी में, 2022 तक अंतरिक्ष में भेज सकेगा इंसान 
इसरो अपने नए मिशन की तैयारी में
नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बार बड़ी उपलब्धि हासिल करने की ओर अपना कदम बढ़ा चुका है. अगर सबकुछ योजना के मुताबिक रहा तो इसरो पहली बार 2022 तक इंसान को अंतरिक्ष में भेज सकेगा. इस बड़े प्रोजेक्ट को लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं. इसरो के प्रमुख कैलाशवादिवू सीवन ने गुरुवार को यह जानकारी सार्वजनिक की. उन्होंने बताया कि इसरो पहली बार 2022 में इंसान को को अंतरिक्ष में भेज सकेगा, जबकि महात्वाकांक्षी चंद्रयान 2 परियोजना जनवरी या फरवरी 2019 में पूरी हो जायेगी. कैलाशवादिवू सीवन ने यह जानकारी डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के दौरान साझा की. वह इस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे.

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उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमने मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजने की डेडलाइन तय कर दी है, यह 2021 के अंत में या 2022 की शुरूआत में हो सकती है. सीवन ने कहा कि चंद्रयान 2 अगले साल जनवरी या फरवरी में चांद पर भेजा जा सकता है. चंद्रयान 2 को इस तरह से डिजायन किया गया है कि वह आराम से चांद पर उतर जाये और चंद्रमा की सतह से अनुसंधान के लिये काफी सामग्री जुटा सके. उन्होंने बताया कि अगले तीन से छह महीने में इसरो के वैज्ञानिक तीन से चार बड़े मिशन पर भी काम कर रहे हैं.

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ध्यान हो कि इसरो विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्र की सेवा कर रहा है, जिसमें दूर संचार, नेविगेशन, अंतरिक्ष विज्ञान आदि. देश का प्रत्येक नागरिक किसी न किसी रूप से इसरो की सेवाओं से जुड़ा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा लांच किये गये डिजिटल इंडिया मिशन के तहत इसरो ग्रामीण और सुदूर इलाकों के लिये 100 जीबीपीएस का हाई स्पीड डेटा उपलबध कराने का प्रयास कर रहा है. इसके लिये अंतरिक्ष में चार संचार उपग्रह स्थापित किया जा रहा है. उनमें से एक इस साल स्थापित हुआ है जबकि तीन अन्य नवंबर, दिसंबर और अगले साल की शुरुआत में स्थापित हो जायेंगे.

VIDEO: इसरो ने ब्रिटेन के दो उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा.

गौरतलब है कि इस साल इसरो ने श्रीहरिकोटा से एक नौवहन उपग्रह का सफलता पूर्वक प्रक्षेपण कर लिया है. उपग्रह पुंज का इस तरह का आठवां उपग्रह है. पीएसएलवी-सी41/आईआरएनएसएस-1 आई मिशन को प्रक्षेपित किया था. पीएसएलवी-सी41/आईआरएनएसएस-1 आई स्वदेशई तकनीक से निर्मित नौवहन उपग्रह है. आईआरएनएसएस-1 आई अब आईआरएनएसएस-1डी की जगह लेगा जो सात नौवहन उपग्रहों में से पहला है और यह तीन रुबिडियम परमाणु घड़ियों के फेल होने के बाद निष्प्रभावी हो गया था. सातों उपग्रह नैवआईसी नौवहन उपग्रह पुंज का हिस्सा हैं. यह प्रक्षेपण प्रतिस्थापन उपग्रह भेजने का इसरो का दूसरा प्रयास है. (इनपुट भाषा से) 

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