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साइंटिस्ट नंबी नारायणन के खिलाफ कैसे रची गई साजिश? सामने आई CBI चार्जशीट से पता चला सच

सामने आई चार्जशीट में दावा किया गया है कि केरल पुलिस के तत्कालीन स्‍पेशल ब्रांच अधिकारी ने मालदीव की एक महिला को भारत में अवैध रूप से हिरासत में रखने को सही ठहराने के लिए यह पूरी साजिश रची थी. लेकिन उस महिला ने पुलिस अधिकारी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था.

साइंटिस्ट नंबी नारायणन के खिलाफ कैसे रची गई साजिश? सामने आई CBI चार्जशीट से पता चला सच
इस मामले में तैयार की गई झूठी रिपोर्ट
नई दिल्ली:

मशहूर साइंटिस्‍ट नंबी नारायणन से जुड़े जासूसी कांड मामले में सीबीआई की चार्जशीट सामने आई है. सामने आई चार्जशीट में कई खुलासे हुए हैं. चार्जशीट में दावा किया गया कि केरल पुलिस के तत्कालीन स्‍पेशल ब्रांच अधिकारी ने मालदीव की एक महिला को भारत में अवैध रूप से हिरासत में रखने को सही ठहराने के लिए यह पूरी साजिश रची थी. लेकिन उस महिला ने पुलिस अधिकारी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. सीबीआई की दाखिल चार्जशीट में यह दावा भी किया कि पुलिस ने साइंटिस्ट नंबी नारायणन और मालदीव की दो महिलाओं समेत पांच और लोगों को कथित रूप से जासूसी मामले में फंसाया था.

सीबीआई ने एक अदालत को बताया कि केरल पुलिस के एक तत्कालीन विशेष शाखा अधिकारी ने मालदीव की एक महिला की भारत में अवैध हिरासत को सही ठहराने के लिए 1994 का इसरो जासूसी प्रकरण रचा था, जिसमें पूर्व अंतरिक्ष वैज्ञानिक नंबी नारायणन को फंसाया गया था. सीबीआई ने जासूसी मामले में नारायणन और मालदीव की दो महिलाओं समेत पांच अन्य को कथित तौर पर फंसाने के लिए पांच पूर्व पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दायर चार्जशीट में यह आरोप लगाया है. जून के आखिरी सप्ताह में चार्जशीट दायर की गई थी, जो कि बुधवार को सार्वजनिक हुई.

मरियम रशीदा के यात्रा संबंधित कागजात छीने गए

इस मामले में ये भी पता चला कि एसपी के पद से रिटायर्ड हुए तत्कालीन स्‍पेशल ब्रांच अधिकारी एस विजयन ने मालदीव की नागरिक मरियम रशीदा के यात्रा संबंधित कागजात और हवाई टिकट छीन लिए थे ताकि वो देश से बाहर ना जा सकें. विजयन को ये भी पता चला कि वह इसरो वैज्ञानिक डी शशिकुमारन के संपर्क में थी. उसी आधार पर रशीदा और उसकी मालदीव की दोस्त फौजिया हसन पर करीबी नजर रखी गई. सीबीआई के मुताबिक इसके बाद, रशीदा को विदेशी अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया, क्योंकि वह बिना वैध वीजा के देश में अधिक समय तक रह रही थी. हालांकि इस बारे में तिरुवनंतपुरम के तत्कालीन पुलिस आयुक्त और तत्कालीन एसआईबी उप निदेशक को पता था.

इस मामले में कैसे तैयार की गई झूठी रिपोर्ट

सीबीआई ने कहा कि जब रशीदा की विदेशी अधिनियम के तहत हिरासत की अवधि खत्म होने वाली थी, तो विजयन द्वारा एक झूठी रिपोर्ट के आधार पर उसे और हसन को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत प्रस्तुत किया गया. सीबीआई ने बताया कि इसके बाद एसआईटी ने साइंटिस्ट नारायणन सहित चार को गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई के हिसाब से उसकी जांच से पता चला है कि जासूसी का मामला शुरुआती चरण से ही कानून का उल्लंघन था, जब नागरिक मरियम रशीदा को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था और कथित तौर पर विजयन के प्रस्ताव पर विचार किया गया था.

किन पर मुकदमा चलाने की सिफारिश नहीं

इस मामले में केरल पुलिस के पूर्व डीजीपी आर बी श्रीकुमार और सिबी मैथ्यूज, पूर्व एसपी एस विजयन और के के जोशुआ और पूर्व खुफिया अधिकारी पी एस जयप्रकाश पर मुकदमा चलाने की सिफारिश की गई है. हालांकि, केरल पुलिस और आईबी के तत्कालीन अधिकारियों सहित अन्य 13 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की कोई सिफारिश नहीं की गई, क्योंकि उनके खिलाफ कोई सबूत मौजूद नहीं है. इस मामले पर साइंटिस्ट नारायणन का कहना है कि उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं है कि पूर्व पुलिस और आईबी अधिकारियों को सजा मिली या नहीं, क्योंकि इस मामले में उनकी भूमिका खत्म हो चुकी है.

(भाषा इनपुट्स के साथ)

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