विज्ञापन
This Article is From Apr 28, 2024

गाजा में छिपे हमास के लड़ाकों को पकड़ने के लिए AI की मदद ले रहा इजरायल

इजराइल के बमबारी अभियान में लैवेंडर और गॉस्पेल का उपयोग एआई और आधुनिक युद्ध के अंतर्संबंध में एक महत्वपूर्ण पहल की ओर इशारा करता है... लेकिन साथ ही, नैतिक और कानूनी चिंताओं को भी बढ़ाता है.

गाजा में छिपे हमास के लड़ाकों को पकड़ने के लिए AI की मदद ले रहा इजरायल
लैवेंडर की जानकारी के आधार पर सैनिकों ने अक्सर दो सेकंड में निर्णय लिया...
नई दिल्‍ली:

इजरायल और हमास के बीच जंग (Israel Hamas War) जारी है. इस दौरान गाजा पर बमबारी में इजरायली सेना द्वारा लेटेस्‍ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्‍टम के इस्‍तेमाल का दावा करने वाली रिपोर्टें सामने आई हैं. लैवेंडर और गॉस्पेल नाम के इन सिस्‍टम ने आईडीएफ की टारगेटिंग स्‍ट्रेटजी में केंद्रीय भूमिका निभाई है. ऐसे में अब इनकी तैनाती के नैतिक और कानूनी निहितार्थों के बारे में बहस छिड़ गई है. गाजा पट्टी में जारी इजरायली हमलों में मरने वाले फिलीस्तीनियों की संख्या बढ़कर 34,356 हो गई है.

क्‍या है लैवेंडर AI?

इजरायल की एलीट इंटेलिजेंस डिवीजन, यूनिट 8200 द्वारा विकसित लैवेंडर, एक एआई-संचालित डेटाबेस के रूप में काम करता है, जिसे हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (पीआईजे) से जुड़े संभावित लक्ष्यों की पहचान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. लैवेंडर मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग करता है और इन सशस्त्र समूहों के भीतर "जूनियर" आतंकवादियों के रूप में समझे जाने वाले व्यक्तियों को इंगित करने के लिए बड़ी मात्रा में डेटा संसाधित करता है.
इज़राइली-फिलिस्तीनी प्रकाशन +972 मैगज़ीन और हिब्रू-भाषा आउटलेट लोकल कॉल की रिपोर्ट के अनुसार, लैवेंडर ने शुरुआत में हमास या पीआईजे से जुड़े 37,000 फिलिस्तीनी पुरुषों की पहचान की. लक्ष्यों की पहचान करने के लिए एआई का उपयोग इजरायली खुफिया तंत्र, मोसाद और शिन बेट के कार्य करने के तरीके में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है.
लैवेंडर की जानकारी के आधार पर सैनिकों ने अक्सर दो सेकंड में निर्णय लिया, जिसमें यह निर्धारित करने में कम से कम 20 सेकंड लगे कि इन पहचाने गए लक्ष्यों पर बमबारी की जाए या नहीं? एआई प्रोग्राम की त्रुटि मार्जिन 10 प्रतिशत तक होने के बावजूद, मानव सैनिक अक्सर मशीन की जानकारी का निर्विवाद रूप से पालन करते थे, जिसका अर्थ है कि यह 10 प्रतिशत तक गलत हो सकता है.

गॉस्पेल एआई क्या है?

गॉस्पेल एक अन्य एआई सिस्‍टम है, जो ऑटेमेटिक टारगेट को पहचान लेता है और जानकारी देता है. लैवेंडर के विपरीत जो मानव लक्ष्यों की पहचान करता है, गॉस्पेल कथित तौर पर गुप्‍त सुरंगों और इमारतों को टारगेट के रूप में पहचानता है. आईडीएफ ने एक बयान में कहा, "यह एक ऐसा सिस्‍टम है, जो ऑटोमेटिक उपकरणों के उपयोग से तेज गति से लक्ष्य तैयार करने की अनुमति देती है और आवश्यकता के अनुसार सटीक और उच्च गुणवत्ता वाली खुफिया सामग्री में सुधार करने का काम करती है. द गॉस्पेल में दिए गए विशिष्ट डेटा स्रोत अज्ञात हैं. हालांकि, विशेषज्ञों ने बताया कि एआई ऑपरेटेड टारगेट सिस्‍टम आमतौर पर विविध डेटा सेटों का विश्लेषण करती हैं, जिनमें ड्रोन इमेजरी, इंटरसेप्टेड संचार, निगरानी डेटा और व्यक्तियों और समूहों के व्यवहार पैटर्न शामिल हैं.

नैतिक और कानूनी चिंताएं

इजराइल के बमबारी अभियान में लैवेंडर और गॉस्पेल का उपयोग एआई और आधुनिक युद्ध के अंतर्संबंध में एक महत्वपूर्ण पहल की ओर इशारा करता है... लेकिन साथ ही, नैतिक और कानूनी चिंताओं को भी बढ़ाता है. हालांकि ये टेक्‍नोलॉजी टारगेट को पहचानने में मदद करती है, लेकिन उनकी तैनाती नैतिक और कानूनी दुविधाएं पैदा करती हैं.

ये भी पढ़ें:- इज़रायल ने राफ़ा हमले से पहले बंधक समझौते को दिया "आखिरी मौका" : रिपोर्ट

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com