
Iran-Israel war: ईरान-इजरायल के बीच चल रही जंग का आज 9वां दिन है. 13 जून से शुरू हुई इस लड़ाई में दोनों देशों में जान-माल का बड़ा नुकसान हुआ है. ईरान-इजरायल की लड़ाई में दुनिया के कई देशों ने अपनी-अपनी नीतियों के हिसाब से प्रतिक्रिया दी है. इस जंग में भारत अभी तक किसी के साथ या किसी के खिलाफ नहीं है. इस बीच शनिवार को कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार की पश्चिम एशिया से जुड़ी विदेश नीति पर सवाल उठाया है. अंग्रेज़ी अख़बार 'द हिन्दू' में सोनिया गांधी ने एक लेख लिखकर सरकार पर गाज़ा और ईरान के खिलाफ़ इजरायल की कार्रवाई पर चुप रहने का आरोप लगाया है.
'ईरान के खिलाफ़ हमला अवैध '
सोनिया गांधी ने 'It is still not too late for India's voice to be heard' शीर्षक से लिखे अपने लेख में ईरान पर इजरायल के हमले को अवैध और संप्रभुता का उल्लंघन करने वाला बताया है. सोनिया के मुताबिक़ गाज़ा के बाद अब ईरान में भी क्षेत्रीय अस्थिरता और लोगों के जीवन की परवाह किए बिना इजरायल ने ईरान में भी सैन्य कार्रवाई की है. उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने ईरान में हुई बमबारी की कड़ी निंदा की है जिसके दूरगामी वैश्विक परिणाम होने वाले हैं.
'भारत का चुप रहना चिंताजनक'
सोनिया गांधी का कहना है कि भारत इस मामले में चुप है, जो चिंता का विषय है और भारत की स्थापित कूटनीतिक और नैतिक परंपराओं के खिलाफ़ है. सोनिया का तर्क है कि भारत के लिए अभी भी देर नहीं हुई है और उसे स्पष्ट बोलना चाहिए. उनका मानना है कि भारत को जिम्मेदारी से काम लेते हुए सभी कूटनीतिक तरीकों का उपयोग करना चाहिए जिससे तनाव को कम करने और बातचीत शुरू करने में मदद मिल सके.
इज़राइल द्वारा गाजा में तबाही और अब बिना किसी कारण ईरान पर सैन्य हमलों के खिलाफ भारत की चुप्पी साफ करती है कि मौजूदा सरकार ने अपनी नैतिक और कूटनीतिक परंपराओं को त्याग दिया है।
— Congress (@INCIndia) June 21, 2025
हमने न केवल अपनी साख खो दी है, बल्कि अपने मूल्यों को भी छोड़ दिया है।
लेकिन अभी भी देर नहीं हुई है।… pic.twitter.com/d1e0eRafkC
नेतन्याहू और डोनाल्ड ट्रंप पर सोनिया ने साधा निशाना
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष ने अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतनयाहू पर भी निशाना साधा है . सोनिया का आरोप है कि नेतनयाहू के नेतृत्व ने पश्चिम एशिया में शांति प्रक्रिया को कमजोर किया और चरमपंथ को बढ़ावा दिया है. उन्होंने लिखेंगे कि गाज़ा में हाल ही में इज़राइल द्वारा किए गए क्रूर और असमान हमलों की तरह ही ईरान के खिलाफ़ अभियान भी नागरिकों की जान की कोई परवाह किए बिना और क्षेत्रीय स्थिरता को अनदेखा करते हुए चलाया जा रहा है.
ट्रंप का ईरान-इजरायल युद्ध में शामिल होना दुर्भाग्य की बातः सोनिया गांधी
सोनिया गांधी ने 1995 में इजरायली प्रधानमंत्री इत्जाक राबिन की हत्या के लिए बेन्यामिन नेतनयाहू द्वारा तब फैलाई गई घृणा को ही दोषी बताया. सोनिया ने अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप पर भी निशाना साधते हुए लिखा है कि पहले अलग-अलग युद्धों में अमेरिका की भागीदारी के खिलाफ़ बात करने वाले ट्रंप का ईरान इजरायल युद्ध में शामिल होना दुर्भाग्य की बात है.
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