प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
आईपीएस अफसरों को अब प्रमोशन पाने के लिए किसी न किसी एक विशेष सबजेक्ट में स्पेशलाइजेशन करना जरूरी होगा. यह व्यवस्था जल्द ही लागू की जाएगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय इस तरह के कोर्स का मॉड्यूल बना रहा है. इसमें अफसर स्पेशलाइजेशन के लिए अपनी पसंद का विषय चुन सकेंगे. यह विषय आतंकवाद,साइबर सुरक्षा, इंटेलिजेंस या फिर काउंटर इन्सर्जेंसी जैसे हो सकते हैं.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि "इसका प्रपोज़ल डीजी कॉन्फ़्रेंस में दिया गया था. अब मंत्रालय इसे लागू करने जा रहा है." मंत्रालय के मुताबिक डीजी बनाने से पहले उसे डीआईजी, फिर आईजी और उसके बाद एडीजीपी तक ट्रेन कोर्स करने आवश्यक होंगे. अधिकारी ने बताया कि "यह एक सबजेक्ट पर भी हो सकते हैं या फिर तीन अलग-अलग विषयों पर भी."
पिछली डीजीपी कॉन्फ़्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राय थी कि अफसरों के लिए स्पेशलाइजेशन प्रोग्राम होने चाहिए तभी सुरक्षा बलों में व्यवसायिक योग्यता बढ़ेगी.
फिलहाल आईपीएस अफसर की एप्प्राइजल रिपोर्ट में लिखा होता है कि उसके हित में कौन से एरिया ऑफ वर्किंग हैं. उसी में से तीन विषयों पर अब अफसर को फोकस करना पड़ेगा. यह कोर्स नेशनल पुलिस अकादमी या फिर ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट शुरू कर सकते हैं. अधिकारी ने कहा कि "अभी मॉड्यूल बनाया जा रहा है. अफसर भ्रष्टाचार विरोधी, सीआईडी या फिर काउंटर इंटेलिजेंस जैसे सबजेक्ट चुन सकते हैं."
यानी डीआईजी बनाने से पहले एक कोर्स करना पड़ेगा फिर आईजी बनने से पहले और तीसरा एडीजीपी बनाने से पहले. अधिकारी ने बताया कि "कोर्स के आधार पर ही पोस्टिंग भी की जाएगी." फिलहाल आईपीएस अफसर तीन मिड टर्म ट्रेनिंग प्रोग्राम करते हैं. पहला नौकरी में सात से नौ साल बिताने के बाद. दूसरा 14 साल काम करने के बाद और तीसरा सर्विस के 24 साल पूरे होने के बाद.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि "इसका प्रपोज़ल डीजी कॉन्फ़्रेंस में दिया गया था. अब मंत्रालय इसे लागू करने जा रहा है." मंत्रालय के मुताबिक डीजी बनाने से पहले उसे डीआईजी, फिर आईजी और उसके बाद एडीजीपी तक ट्रेन कोर्स करने आवश्यक होंगे. अधिकारी ने बताया कि "यह एक सबजेक्ट पर भी हो सकते हैं या फिर तीन अलग-अलग विषयों पर भी."
पिछली डीजीपी कॉन्फ़्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राय थी कि अफसरों के लिए स्पेशलाइजेशन प्रोग्राम होने चाहिए तभी सुरक्षा बलों में व्यवसायिक योग्यता बढ़ेगी.
फिलहाल आईपीएस अफसर की एप्प्राइजल रिपोर्ट में लिखा होता है कि उसके हित में कौन से एरिया ऑफ वर्किंग हैं. उसी में से तीन विषयों पर अब अफसर को फोकस करना पड़ेगा. यह कोर्स नेशनल पुलिस अकादमी या फिर ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट शुरू कर सकते हैं. अधिकारी ने कहा कि "अभी मॉड्यूल बनाया जा रहा है. अफसर भ्रष्टाचार विरोधी, सीआईडी या फिर काउंटर इंटेलिजेंस जैसे सबजेक्ट चुन सकते हैं."
यानी डीआईजी बनाने से पहले एक कोर्स करना पड़ेगा फिर आईजी बनने से पहले और तीसरा एडीजीपी बनाने से पहले. अधिकारी ने बताया कि "कोर्स के आधार पर ही पोस्टिंग भी की जाएगी." फिलहाल आईपीएस अफसर तीन मिड टर्म ट्रेनिंग प्रोग्राम करते हैं. पहला नौकरी में सात से नौ साल बिताने के बाद. दूसरा 14 साल काम करने के बाद और तीसरा सर्विस के 24 साल पूरे होने के बाद.
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