ब्याज दरों में बढ़ोतरी और भू-राजनीतिक जोखिमों के कारण वर्ष 2023 में इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के जरिये जुटाई जाने वाली राशि सालाना आधार पर मामूली रूप से घटकर 52,000 करोड़ रुपये रही. हालांकि, इस दौरान IPO की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई. विशेषज्ञों के मुताबिक वर्ष 2024 में भी आईपीओ बाजार की मजबूती बने रहने का अनुमान है.
वर्ष 2022 में एलआईसी (LIC) के 20,557 करोड़ रुपये के मेगा आईपीओ को छोड़ दें तो इस साल पब्लिक इश्यू के जरिए जुटाई गई राशि 36 प्रतिशत अधिक है. बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच इस साल छोटी और मझोली कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर रहा.
IPO मार्केट के लेकर विशेषज्ञों की राय
पैंटोमैथ कैपिटल एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक महावीर लूणावत ने कहा, ''आईपीओ के प्रति दिलचस्पी की वजह लाभप्रदता और निर्गम का उचित मूल्य निर्धारण है. इसके अलावा भारतीय बाजार में मजबूत और कुशल नियामक ढांचे से भी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है.''
आनंद राठी एडवाइजर्स के निदेशक और प्रमुख (ईसीएम, निवेश बैंकिंग) वी प्रशांत राव का मानना है कि 2023 की गति 2024 में भी जारी रहेगी और यह साल भारतीय प्राथमिक बाजारों के लिए स्वर्णिम हो सकता है.
जेएम फाइनेंशियल में प्रबंध निदेशक और प्रमुख (इक्विटी पूंजी बाजार) नेहा अग्रवाल ने कहा, ''हमारा अनुमान है कि 2024 में आईपीओ (Upcoming IPO 2024)बाजार में मजबूत तेजी रहेगी. यह आशावाद भारतीय बाजारों की बेहतर वृद्धि संभावनाओं से प्रेरित है. चुनाव से जुड़ी अनिश्चितताएं दूर होने के बाद प्रवाह में और अधिक गति आने की उम्मीद है.''
SEBI ने 2024 में लगभग 24 कंपनियों को IPO लाने की दी मंजूरी
मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) से लगभग 24 कंपनियों को आईपीओ लाने के लिए पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. इनके 26,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए जाने का अनुमान है. प्राइम डेटाबेस के मुताबिक, 32 कंपनियों ने करीब 35,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए सेबी के पास अपने मसौदा कागजात दाखिल किए हैं.
उद्योग के आंकड़ों के अनुसार इस साल 58 कंपनियां अपना आईपीओ लाईं और उन्होंने 52,637 करोड़ रुपये जुटाए. पिछले साल 40 कंपनियों ने आईपीओ के जरिये 59,302 करोड़ रुपये जुटाए थे.
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