पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त राकेश मारिया (फाइल फोटो)
मुंबई:
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शनिवार को स्पष्ट किया कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त राकेश मारिया का शीना बोरा हत्या मामले की जांच में निजी तौर से शामिल होना सरकार को उपयुक्त नहीं लगा।
मारिया का कार्यकाल महानगर पुलिस प्रमुख के रूप में खत्म होने से कुछ दिनों पहले ही उनका तबादला कर दिया गया। इसको लेकर कई तरह की बातें उठीं, क्योंकि हाईप्रोफाइल हत्या मामले की जांच में वह शामिल थे।
विवाद के बारे में पूछने पर फडणवीस ने कहा, 'जांच करना जांच अधिकारी का काम है। पुलिस आयुक्त का काम निगरानी करना है।' फडणवीस के पास गृहमंत्रालय भी है और हाल में उनकी सरकार ने एक साल पूरा किया है।
फडणवीस ने कहा, 'अच्छा होता अगर वह वहां (खार थाने जहां शीना की मां इंद्राणी मुखर्जी और अन्य आरोपियों से पूछताछ हो रही थी) बार-बार नहीं जाते।' मारिया को आठ अक्टूबर को होमगार्ड्स के महानिदेशक पद पर प्रमोशन देते हुए ट्रांस्फर कर दिया गया था, जिसे लो-प्रोफाइल पोस्टिंग माना जाता है। उनकी जगह अहमद जावेद ने ली थी।
तब सरकार ने दी थी कुछ और दलील
सरकार ने तब यह कहते हुए इस कार्रवाई का बचाव किया था कि नए आयुक्त को आगामी गणेश त्योहार से पहले चीजों को समझना जरूरी है जो मुंबई पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित होती है।
अधिकारियों ने कहा था कि मारिया शीना बोरा मामले की निगरानी जारी रख सकते हैं, लेकिन बाद में मामले को सीबीआई को ट्रांस्फर कर दिया गया। 1993 के मुंबई विस्फोट मामले की सफलतापूर्वक जांच करने के बाद सुखिर्यों में आए मारिया को पिछली कांग्रेस-एनसीपी सरकार के शासनकाल में मुंबई का पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया था।
मारिया का कार्यकाल महानगर पुलिस प्रमुख के रूप में खत्म होने से कुछ दिनों पहले ही उनका तबादला कर दिया गया। इसको लेकर कई तरह की बातें उठीं, क्योंकि हाईप्रोफाइल हत्या मामले की जांच में वह शामिल थे।
विवाद के बारे में पूछने पर फडणवीस ने कहा, 'जांच करना जांच अधिकारी का काम है। पुलिस आयुक्त का काम निगरानी करना है।' फडणवीस के पास गृहमंत्रालय भी है और हाल में उनकी सरकार ने एक साल पूरा किया है।
फडणवीस ने कहा, 'अच्छा होता अगर वह वहां (खार थाने जहां शीना की मां इंद्राणी मुखर्जी और अन्य आरोपियों से पूछताछ हो रही थी) बार-बार नहीं जाते।' मारिया को आठ अक्टूबर को होमगार्ड्स के महानिदेशक पद पर प्रमोशन देते हुए ट्रांस्फर कर दिया गया था, जिसे लो-प्रोफाइल पोस्टिंग माना जाता है। उनकी जगह अहमद जावेद ने ली थी।
तब सरकार ने दी थी कुछ और दलील
सरकार ने तब यह कहते हुए इस कार्रवाई का बचाव किया था कि नए आयुक्त को आगामी गणेश त्योहार से पहले चीजों को समझना जरूरी है जो मुंबई पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित होती है।
अधिकारियों ने कहा था कि मारिया शीना बोरा मामले की निगरानी जारी रख सकते हैं, लेकिन बाद में मामले को सीबीआई को ट्रांस्फर कर दिया गया। 1993 के मुंबई विस्फोट मामले की सफलतापूर्वक जांच करने के बाद सुखिर्यों में आए मारिया को पिछली कांग्रेस-एनसीपी सरकार के शासनकाल में मुंबई का पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया था।
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