केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस लॉकडाउन के कथित उल्लंघन की जमीनी हकीकत जानने के लिए कुछ राज्यों में विशेष टीमें भेजी हैं. बंगाल में भेजी गई एक टीम को मंगलवार को कोरोना संक्रमण के जोखिम वाले क्षेत्रों का दौरा करने से रोक दिया गया. बंगाल टीम के एक सदस्य ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उन्हें होटल से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई. टीम की अगुवाई कर रहे रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी अपूर्व चंद्रा ने कहा, "हमनें बताया था कि हम कुछ जगह का आज दौरा कर सकते हैं. आज हमें सूचित किया गया कि कुछ दिक्कते हैं. हम बाहर नहीं जा सकते हैं."
चंद्रा ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "अन्य राज्यों में गई टीमों को पूरा सहयोग मिल रहा है. उन्हें वही नोटिस दिया गया था जो पश्चिम बंगाल को दिया गया था लेकिन उन टीमों कल से किसी भी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ रहा है." कुल चार राज्यों में 6 अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दलों (आईएमसीटी) को भेजा गया है, इनमें से तीन राज्यों में विपक्षी दलों की सरकारें हैं. ये टीमें महाराष्ट्र के पुणे, राजस्थान के जयपुर, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, हावड़ा, मिदनापुर पूर्व, 24 परगना उत्तर, दार्जिलिंग, कलिमपोंग और जलपईगुड़ी तथा मध्य प्रदेश के इंदौर भेजी गई हैं.
#WATCH Apurva Chandra, Inter-Ministerial Central Team (IMCT) leader, after being blocked by West Bengal Govt from entering #COVID19 risk zones for assessment. pic.twitter.com/ijkQ3U5J55
— ANI (@ANI) April 21, 2020
केंद्र सरकार का दावा है कि इन शहरों की स्थिति गंभीर है और यहां लॉकडाउन के दिशानिर्देशों का उल्लंघन हो रहा है. केंद्र ने यह भी आरोप लगाया है कि राज्य सरकार के कोरोनावायरस के केसों को कम करके बताने के भी मामले सामने आए हैं. हालांकि, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल का जिक्र नहीं किया गया है. पश्चिम बंगाल पर कोरोनावायरस मरीजों की वास्तविक संख्या छिपाने का आरोप है.
गृह मंत्रालय के एक आंतरिक आकलन में कहा गया है कि बंगाल में कोरोनोवायरस से होने वाली मौतों की संख्या बताई गई संख्या से अधिक होने का अनुमान है. इसमें दावा किया गया है कि मौत के कारण के बारे में गलत जानकारी इसकी वजह हो सकती है.
केंद्र के राडार में मध्य प्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां बीजेपी की सरकार है. आईएमसीटी बंद के नियमों के अनुसार दिशा-निर्देशों के पालन एवं क्रियान्वयन, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, सामाजिक दूरी, स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे की तैयारी, स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा और श्रमिकों एवं गरीबों के लिए स्थापित राहत शिविरों में हालात पर गौर करेंगी.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को सोमवार को पत्र लिखकर कहा, "गृह मंत्री ने मुझसे फोन पर औपचारिक रूप से बताया था कि अंतर मंत्रालयी केन्द्रीय टीमें मेरे राज्य का दौरा करेंगी. हालांकि, टीम इससे काफी पहले कोलकाता पहुंच चुकी थी."
तृणमूल कांग्रेस ने अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दलों (आईएमसीटी) के पश्चिम बंगाल में कोरोनावायरस प्रभावित जिलों के दौरे को ‘‘एडवेंचर ट्यूरिज्म'' करार देते हुए पूछा कि ये दल उन राज्यों में आकलन के लिए क्यों नहीं गए जहां कोविड-19 के मामले और प्रभावित इलाके अधिक हैं.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन और सुदीप बंदोपाध्याय ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दल के यहां पहुंचने के करीब तीन घंटे बाद इसकी जानकारी दी गई, जो कि अस्वीकार्य है. ब्रायन ने कहा, ‘‘ आईएमसीटी दल ‘एंडवेंचर ट्यूरिज्म' पर है. उन्होंने केन्द्रीय दलों के गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश ना जाने पर भी सवाल उठाए, जहां कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले और प्रभावित इलाके हैं.
बंदोपाध्याय ने बताया कि अभी तक रोजाना 452 नमूनों की जांच की जा रही थी और मंगलवार से इसे बढ़ाकर 600 कर दिया गया है. दोनों नेताओं ने कहा कि यह ‘‘राज्य बनाम राज्य'' का मामला नहीं है और केन्द्र से राज्यों के साथ सहयोग करने की अपील की. उन्होंने कहा कि नियमों का पालन होने पर राज्य खुश-खुशी केन्द्र सरकार के साथ समन्वय स्थापित करेगा. केन्द्र ने सोमवार को मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में कोविड-19 की स्थिति का आकलन करने के लिए छह आईएमसीटी का गठन किया था.
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