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"अपमानजनक..." : बीएसएफ पर ममता बनर्जी के कमेंट पर बोले शुभेंदु अधिकारी

ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि सीमा सुरक्षा बल बांग्लादेश से आतंकवादियों और घुसपैठियों को राज्य में प्रवेश करने में मदद कर रहा है और इसकी वजह से व्यवधान पैदा हो रहा है. 

"अपमानजनक..." : बीएसएफ पर ममता बनर्जी के कमेंट पर बोले शुभेंदु अधिकारी
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य में घुसपैठ के संबंध में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पर दोष मढ़ने के लिए पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर घुसपैठ के लिए बीएसएफ को दोषी ठहराकर "निम्न स्तरीय राजनीति" करने का आरोप लगाया और कहा कि सुरक्षा बल सरकार की नहीं बल्कि राष्ट्र की सेवा करते हैं.

ममता बनर्जी के कमेंट पर शुभेंदु अधिकारी का पत्र

अपने लेटर में शुभेंदु अधिकारी ने लिखा, "सुरक्षाबल राष्ट्र की सेवा करते हैं न कि सरकार की. वो देश की सुरक्षा करते हैं. जिस तरह से आपने पश्चिम बंगाल में हो रही घुसपैठ के लिए हमारे सैनिकों को जिम्मेदार ठहराया है वो दिखाता है कि आप कितनी निम्न स्तरीय राजनीति कर रही हैं." गुरुवार को ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि सीमा सुरक्षा बल बांग्लादेश से आतंकवादियों और घुसपैठियों को राज्य में प्रवेश करने में मदद कर रहा है और इसकी वजह से व्यवधान पैदा हो रहा है. 

शुभेंदु ने इसे बताया सुरक्षा बलों का अपमान

अपने लेटर में शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री के इस कमेंट को सुरक्षा बलों का अपमान बताया है. उन्होंने लिखा, आरोप और प्रत्यारोप अक्सर ही राजनीति में लगाए जाते हैं लेकिन सुरक्षा बलों को इसमें घसीटना, उनका अपमान करना और अपनी नाकामी के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराना घटिया राजनीति है. "यह केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के 75,000 कर्मियों, बंगाल में बीएसएफ के 33,000 कर्मियों और देश के सभी सैनिकों का अपमान है."

पत्र में लिखी ये बात

उन्होंने आगे लिखा, "हमारे वीर सैनिकों का अपमान होते देखना बहुत दुखद है. हमारे सुरक्षा बल हमारे देश और नागरिकों की सीमाओं की रक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं, चाहे कड़ाके की ठंड हो, चिलचिलाती गर्मी हो, तूफानी बारिश हो या कोई आपदा हो. हमारे सैनिकों के बारे में आपके अपमानजनक शब्दों को देश कभी नहीं भूलेगा."

शुभेंदु ने कहा भौगोलिक परिस्थितियों का फायदा उठाते हैं घुसपैठिए

उन्होंने बताया कि प्रतिकूल भौगोलिक परिस्थितियों के कारण देश की सीमा का एक बड़ा हिस्सा खुला है. कहीं-कहीं दुर्गम जंगल हैं, तो कहीं-कहीं उफनती नदियां और बर्फ से ढके पहाड़ हैं. "घुसपैठ इन स्थितियों का फायदा उठाते हैं और गांव में बसने के लिए आ जाते हैं."

मुख्यमंत्री से पूछा ये सवाल

उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा, "जब ये घुसपैठिए गांव में आते हैं, तो पटवारी उनके पहचान पत्र क्यों बनाते हैं? वे अपने राशन कार्ड कैसे बनवाते हैं? पुलिस और अन्य अधिकारी उन्हें वास्तविक नागरिक के रूप में कैसे सत्यापित करते हैं और उनके पहचान पत्र कैसे जारी करते हैं?" इसके साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार पर सीमा संबंधी विषयों पर बीएसएफ के साथ सहयोग न करने का भी आरोप लगाया. 

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