"दुनिया अब भारत के कामों को प्रेरणा के रूप में देखती है.." : NDTV से विदेश मंत्री एस जयशंकर

विदेश मंत्री ने एनडीटीवी से कहा कि पिछले कुछ सालों में कई देशों ने हमसे बात करना शुरू किया है. जब वे हमारी योजनाओं की दक्षता और पैमाना देखते हैं, तो वे इसे प्रेरणा के रूप में लेते हैं.

नई दिल्ली:

एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हम अगले सप्ताह दिल्ली में होने वाली जी20 की बैठक में सभी देशों से सर्वसम्मति वाले बयान की आशा करते हैं. उन्होंने कहा कि भारत की जी20 प्रेसीडेंसी अद्वितीय है. भारत आज सम्मान पाने वाला देश है. 

एस जयशंकर ने कहा, "जब मैं देशों का दौरा करता हूं, तो देखता हूं कि पिछले कुछ सालों में कई देशों ने हमसे बात करना शुरू किया है. जब वे हमारी योजनाओं की दक्षता और पैमाने देखते हैं, तो वे इसे प्रेरणा के रूप में देखते हैं और महसूस करते हैं कि इसे दोहराया और किया जा सकता है." विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया भारत आएगी, क्योंकि इसमें क्षमता और सामर्थ्य है.

एस जयशंकर ने कहा, "भारत की जी20 की अध्यक्षता अद्वितीय रही है. जी20 अपने आप में अद्वितीय है और भारत की अध्यक्षता विशेष है, क्योंकि सदी में एक बार आने वाली महामारी और चल रहे संघर्ष के कारण आज दुनिया कहीं अधिक जटिल स्थिति में है. दुनिया की स्थिति कहीं अधिक गंभीर और चिंताजनक है. ऐसी स्थिति में, कौन आगे बढ़कर बीच का रास्ता खोज सकता है? पूर्व-पश्चिम और उत्तर-दक्षिण विभाजन हैं. इसे कौन पाट सकता है? विश्व को दिखाने के लिए किसी के पास कुछ है, तो वो भारत है."

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि मौजूदा जी20 बैठक महत्वपूर्ण है, क्योंकि दुनिया आर्थिक और पर्यावरणीय संकट और युद्ध से प्रभावित है. उन्होंने कहा कि दुनिया की स्थिति कहीं अधिक चिंताजनक है. हालांकि G20 की शुरुआत एक छोटे जनादेश के साथ हुई थी, लेकिन समस्याएं बढ़ने के साथ-साथ इसे विकसित होना पड़ा.

दुनिया में स्थिति पहले से कहीं अधिक चिंताजनक- एस जयशंकर
विदेश मंत्री ने कहा, "2023 कहीं अधिक जटिल है. हमने महामारी का सामना किया है और इसका प्रभाव भयावह रहा है. इसके अलावा यूरोप में ईंधन का संघर्ष और भोजन पर प्रभाव पड़ रहा है. आर्थिक परिणामों वाली जलवायु घटनाएं अधिक बार हो रही हैं. दुनिया में स्थिति पहले से कहीं अधिक चिंताजनक है."

उन्होंने कहा, "जी20 खाद्य-ऊर्जा-जलवायु के बारे में है. जब तक हम अपनी दैनिक जीवनशैली नहीं बदलते और जलवायु-अनुकूल परिवर्तन नहीं लाते, कुछ भी नहीं बदलेगा."

विदेश मंत्री ने कहा कि जी20 बैठक से निकले वाले संदेश को आम आदमी तक ले जाना है. हमारा लक्ष्य जन-भागीदारी है. ये हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 को कॉन्फ्रेंस हॉल और दिल्ली तक ही सीमित नहीं रखना चाहते, बल्कि इसे पूरे देश तक ले जाना चाहते हैं.

लेकिन आम आदमी के लिए, राजनीति एक "दूर की दुनिया" है और सरकार जी20 में उन मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रही है, जिन्हें वे समझ सकते हैं. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के मद्देनजर यह जरूरी भी है.

एस जयशंकर ने कहा, "हमारे लिए ये महत्वपूर्ण है कि हम देश में विनिर्माण बढ़ाने के तरीके ढूंढे. क्योंकि यह एक रोजगार समर्थक नीति है. हमारे लिए ये एक बड़ा अवसर है. दुनिया पारदर्शिता के साथ अधिक आपूर्ति श्रृंखला चाहती है.'' उन्होंने कहा कि भारत को ''चीन+1'' के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.
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उन्होंने कहा, "वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को लोकतांत्रिक बनाने और स्थिरता के माध्यम से हरित विकास को कैसे प्रोत्साहित किया जाए, इस पर ध्यान देने की जरूरत है. मंत्री ने कहा कि निवेश प्रवाह, डिजिटल इक्विटी और लैंगिक मुद्दों में अंतर को पाटना महत्वपूर्ण है. अगर जी20 इन मुद्दों को नहीं उठाएगा, तो कौन उठाएगा?"