
- देश में अब तक 14 उप राष्ट्रपति हुए हैं, जिनमें जगदीप धनखड़ भी
- देश में 7 ऐसे उप राष्ट्रपति हुए हैं, जो राष्ट्रपति पद तक पहुंचे
- भाजपा से भैरो सिंह शेखावत पहले उप राष्ट्रपति थे, धनखड़ दूसरे
Indian Vice President Jagdeep Dhankhar: उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पद से इस्तीफा दे दिया है. लेकिन उनके पहले दो और वाइस प्रेसिडेंट रहे हैं, जिन्हें कार्यकाल के बीच में त्यागपत्र दिया है. इससे पहले वीवी गिरि ने 3 मई 1969 को तत्कालीन जाकिर हुसैन की मृत्यु के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति का पद संभाला था और इस कारण वाइस प्रेसिडेंट के पद से त्यागपत्र दे दिया था. उन्होंने 2 जुलाई 1969 को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था और फिर निर्दलीय राष्ट्रपति पद का चुनाव भी लड़ा. वो पहले ऐसे उप राष्ट्रपति थे, जो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. उप राष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत ने भी 21 जुलाई 2007 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने यूपीए के उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव में मिली हार के बाद ये कदम उठाया था. शेखावत के त्यागपत्र के बाद ये पद 21 दिनों तक खाली रहा. फिर हामिद अंसारी को उप राष्ट्रपति चुना गया. उप राष्ट्रपति आर. वेंकटरमण, शंकर दयाल शर्मा और केआर नारायण ने भी उप राष्ट्रपति पद से त्यागपत्र दिया था लेकिन ऐसा उन्होंने राष्ट्रपति चुने जाने के बाद किया था. कृष्ण कांत एकमात्र ऐसे उप राष्ट्रपति थे, जिनकी कार्यकाल के दौरान मृत्यु हो गई थी.
शंकर दयाल शर्मा के नाम अनोखा रिकॉर्ड
कांग्रेस नेता शंकर दयाल शर्मा के नाम अनोखा रिकॉर्ड है. वो एकमात्र ऐसे नेता हैं, जो वाइस प्रेसिडेंट, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री जैसे उच्च पदों पर रहे. शंकर दयाल शर्मा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे.
सात उप राष्ट्रपति जो राष्ट्रपति भी बने
भारत में अब तक 14 उप राष्ट्रपति हुए हैं. इनमें से सिर्फ 7 को ही राष्ट्रपति पद पर पदोन्नत किया गया. दो वाइस प्रेसिडेंट डॉ. एस. राधाकृष्णन और हामिद अंसारी दो बार इस पद पर रहे. राधाकृष्णन देश के पहले उपराष्ट्रपति थे, जो दार्शनिक-शिक्षक के साथ यूनेस्को में भारत के दूत रहे. जाकिर हुसैन ने स्वतंत्र भारत के दूसरे उप राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया. उन्हें राष्ट्रीय मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया के सह संस्थापक और कुलाधिपति के तौर पर भी जाना जाता है.
दो नौकरशाह जो बने उप राष्ट्रपति
उप राष्ट्रपतियों की सूची में दो नाम ऐसे रहे, जिनकी सियासी पृष्ठभूमि नहीं थी, बल्कि वो नौकरशाह थे. इसमें वाइस प्रेसिडेंट केआर नारायणन और हामिद अंसारी का नाम आता है. गोपाल स्वरूप पाठक, मोहम्मद हिदयातुल्ला और आर. वेंकटरमण अधिवक्ता थे.
भैरो सिंह शेखावत भाजपा से पहले उप राष्ट्रपति
भैरो सिंह शेखावत पहले ऐसे उपराष्ट्रपति थे जो भाजपा से थे और राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़े थे. लेकिन प्रतिभा पाटिल के मुकाबले उन्हें हार मिली. वेंकैया नायडू के बाद जगदीप धनखड़ ऐसे तीसरे बीजेपी नेता बने.कांग्रेस से जुड़े उप राष्ट्रपतियों की सूची में वीवी. गिरि, बी.डी. जत्ती, कृष्ण कांत और शंकर दयाल शर्मा, आर. वेंकटरमन शामिल थे.
जगदीप धनखड़ कई दलों में रहे
जगदीप धनखड़ 1989 में जनता दल से झुंझनू लोकसभा सीट से सांसद चुने गए. फिर 1990 में चंद्रशेखर सरकार में वो संसदीय मामलों के मंत्री बने. वीपी सिंह और चंद्रशेखर सरकार में मंत्री रहे.फिर 1991 में वो जनता दल छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए. लेकिन 1993 में वो अजमेर की किशनगढ़ सीट से एमएलए बने. हालांकि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल आखिरी वक्त 2003 में वो भाजपा में शामिल हो गए. धनखड़ को जुलाई 2019 में बंगाल का राज्यपाल बनाया गया.
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