
घरेलू स्टार्टअप इकोसिस्टम ने इस सप्ताह भी फंडिंग की गति जारी रखी, जिसमें 24 न्यू-एज कंपनियों ने 180 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए. फिनटेक सबसे अधिक फंडिंग वाला सेक्टर बना रहा. इस सप्ताह छह ग्रोथ-स्टेज और 13 शुरुआती चरण के सौदे हुए.
सबसे बड़े ग्रोथ-स्टेज सौदों में, डिजिटल पेमेंट टेक्नोलॉजी कंपनी 'जसपे' ने केदारा कैपिटल के नेतृत्व में अपने सीरीज-डी राउंड में 60 मिलियन डॉलर हासिल किए, जिसमें मौजूदा निवेशकों सॉफ्टबैंक और एक्सेल की भागीदारी थी.
शुरुआती चरण के सौदों में, क्रॉस-बॉर्डर लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप 'जिंडस' ने 10 मिलियन डॉलर के सीरीज-ए राउंड के साथ बढ़त हासिल की. पिछले आठ हफ्तों में औसत फंडिंग लगभग 246.87 मिलियन डॉलर रही, जिसमें प्रति सप्ताह 24 सौदे हुए.
इस बीच, अर्बन कंपनी बोर्ड ने आईपीओ के जरिए 528 करोड़ रुपये के प्राथमिक फंड जुटाने को मंजूरी दे दी और वियरेबल ब्रांड 'बोट' ने सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस दाखिल किया. 2025 की पहली तिमाही में फिनटेक सेक्टर के लिए जुटाए गए फंड के मामले में अमेरिका और यूके के बाद भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर था.
इस साल की पहली तिमाही में कुल 366 मिलियन डॉलर की फंडिंग हुई. मार्च तिमाही का सबसे ज्यादा फंडिंग वाला महीना रहा, जिसमें 187 मिलियन डॉलर जुटाए गए, जो कुल फंड का 51 प्रतिशत था.
जनवरी-मार्च तिमाही में 10 अधिग्रहण हुए, जो 2024 की पहली तिमाही और 2024 की चौथी तिमाही में क्रमशः 6 और 5 अधिग्रहणों की तुलना में 67 प्रतिशत और 100 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.
पहली तिमाही के दौरान जुटाई गई कुल फिनटेक फंडिंग में बेंगलुरु अग्रणी रहा, जिसके बाद गुरुग्राम और मुंबई का स्थान रहा.
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