प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:
भारतीय रेल ने ट्रेन चालकों को सिग्नल के करीब होने का ध्यान दिलाने के लिए पटरियों से पटाखे बांधने की आजमायी पद्धति की जगह अब एक नई प्रणाली का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. इससे सुनिश्चित होगा कि ट्रेन कोहरे के मौसम में धीमी चाल से नहीं चले.
यह भी पढ़ें : दिल्ली में मंगलवार की सुबह छाई बदली, देरी से चल रही हैं 27 रेलगाड़ियां, 15 ट्रेन रद्द
फॉग पास (फॉग पायलट असिस्टेंस सिस्टम) या एफएसडी उपकरण में जीपीएस लगा हुआ है और वह अगले स्थल चिह्न के संबंध में ट्रेन की दूरी की लगातार गणना कर सकता है. इससे चालक यह जानने में सक्षम होंगे कि सिग्नल कब आ रहा है. भारतीय रेल ने हाल में कोहरे से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले रेल जोन उत्तर, उत्तर-मध्य, उत्तर-पूर्वी और उत्तर-पश्चिमी में इस तरह के 4,920 उपकरण लगाए हैं.
VIDEO : कोहरे ने रोकी ट्रेन और विमानों की रफ्तार
इस शुक्रवार तक दो और जोन पूर्व-मध्य और उत्तरपूर्व-सीमांत में इस तरह के 1,175 उपकरण लगा दिए जाएंगे. इससे कुल उपकरणों की संख्या 6,095 हो जाएगी.
यह भी पढ़ें : दिल्ली में मंगलवार की सुबह छाई बदली, देरी से चल रही हैं 27 रेलगाड़ियां, 15 ट्रेन रद्द
फॉग पास (फॉग पायलट असिस्टेंस सिस्टम) या एफएसडी उपकरण में जीपीएस लगा हुआ है और वह अगले स्थल चिह्न के संबंध में ट्रेन की दूरी की लगातार गणना कर सकता है. इससे चालक यह जानने में सक्षम होंगे कि सिग्नल कब आ रहा है. भारतीय रेल ने हाल में कोहरे से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले रेल जोन उत्तर, उत्तर-मध्य, उत्तर-पूर्वी और उत्तर-पश्चिमी में इस तरह के 4,920 उपकरण लगाए हैं.
VIDEO : कोहरे ने रोकी ट्रेन और विमानों की रफ्तार
इस शुक्रवार तक दो और जोन पूर्व-मध्य और उत्तरपूर्व-सीमांत में इस तरह के 1,175 उपकरण लगा दिए जाएंगे. इससे कुल उपकरणों की संख्या 6,095 हो जाएगी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं