भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने विस्टाडोम टूरिस्ट कोच (vistadome tourist coaches) के 180 किमोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ने का ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. ये विस्टाडोम कोच ज्यादातर पर्वतीय इलाकों में टूरिस्ट ट्रेनों में काम करते हैं और विशेष रूप से ट्रेन की यात्रा को सुंदर, आकर्षक और यादगार बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. इन कोच की वजह से रेलवे टूरिज्म को बढ़ावा मिल रहा है.
रेलवे मंत्रालय के अनुसार, नए विस्टाडोम पर्यटक कोच का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ), चेन्नई द्वारा किया गया है. विस्टाडोम पर्यटक कोच यूरोपीय शैली के कोच हैं, जिनमें यात्रियों की सुविधा के लिए तकनीकी रूप से उन्नत सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं और ट्रेन यात्रा के दौरान उन्हें मनोरम दृश्य पेश करते हैं.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने स्पीड ट्रायल रन पूरा होने की जानकारी ट्वीट कर दी है. उन्होंने इस आलीशान कोच का एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें इसकी खासियतें बताई गई हैं. उन्होंने लिखा है, "इस साल के अंत से पहले, भारतीय रेल ने ब्रॉड गेज (बीजी) लाइनों के लिए पहले विस्टाडोम कोच का 180 किमी प्रति घंटे गति से ट्रायल रन सफलता पूर्वक पूरा कर लिया है. ये कोच यात्रियों को यादगार, सुखद और मनोरंजक सफर उपलब्ध कराएंगे."
Ending the Year on a Great Note: Indian Railways' ???? successfully completed 180 kmph speed trial of new design Vistadome tourist coach
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) December 29, 2020
These coaches will make train journeys memorable for the passengers ????️ & give further boost to tourism ???? pic.twitter.com/3JxeVbQClg
इन कोचों में बड़े शीशे वाली साइड खिड़कियां लगाई गई हैं और शीशे की छत है. कोच में ऑब्जर्वेशन लाउंज और घुमाई जा सकने वाली सीटें हैं. यात्री इनकी मदद से बाहर का मनोरम दृश्यों का नजारा ले सकेंगे. जब ट्रेन टूरिस्ट लोकेशन से गुजरेगी तो शीशे की छत और शीशे की बड़ी खिड़कियों से बाहर पर्यटक आसानी से देख सकेंगे और फोटोग्राफी कर सकेंगे. वहीं घूमने वाली सीटों की मदद से वह सीट पर बैठे-बैठे ही हर तरफ का नजारा देख सकेंगे.
शीशे की छत, घुमावदार सीटें, GPS सुविधा - जानें भारतीय रेलवे के नए कोच में हैं और क्या-क्या खासियतें
ये कोच भारतीय रेल नेटवर्क के चयनित मार्गों पर संचालित किए जा रहे हैं. इनमें दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, नीलगिरि माउंटेन रेलवे, कांगड़ा वैली रेलवे, कश्मीर घाटी, कालका-शिमला रेलवे, मुंबई में दादर के बीच माथेरान हिल रेलवे और अराकू घाटी में मैडोगन रेलवे शामिल है.
विस्टाडोम कोच तकनीकि विशेषताओं से भी लैस हैं. इन कोच में जीपीएस-आधारित सूचना प्रणाली लगी हुई है.इसके अलावा कोच के शौचालयों में भी सिरेमिक टाइल फर्श लगा है. ये वातानुकूलित कोच भारतीय रेलवे नेटवर्क पर काम करने वाले पहले प्रकार के कोच हैं. कोचों में डबल-वाइड रिक्लाइनिंग सीटें हैं जिन्हें यात्री दर्शनीय स्थलों का आनंद लेने या खानपान के लिए 360 डिग्री तक घुमा सकते हैं.
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