प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
भारतीय रेल के कर्मचारी फिल्म, थैलों, साइकिलों और यहां तक कि एक विशेष तरह के रॉड की मदद सुरक्षा को बढ़ाने का काम करेंगे. पिछले साल हुए रेल हादसों में 19 फीसदी रेल हादसे मानवरहित रेल क्रासिंग पर हुए और अब समस्या के बारे में कर्मचारियों और यात्रियों को अधिक जानकारी देने और इससे निपटने के उपाय समझाने के लिए उत्तर रेलवे ने अब एक फिल्म बनाई है. फिल्म में क्रासिंग के संदर्भ में गुण एवं दोष की जानकारी दी गई है. अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
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यह फिल्म उन नवोन्मेषी कदमों में से एक है जो भारतीय रेल ने सुरक्षा के संदर्भ में उठाए हैं. दक्षिणी रेलवे के हुबली खंड ने सुरक्षा के संदर्भ में ‘डाउन साउथ’ नामक रॉड तैयार किया है. हादसे के बाद जब डिब्बों की खिड़की की ग्रिल काटी जाती है तो समय लग जाता है, लेकिन यह रॉड इस काम को कुछ सेकेंड में ही पूरा कर देगा. पटरियों की सुरक्षा के संदर्भ में एक विशेष थैला बनाया गया है जो ट्रैकमेन लेकर चलेंगे.
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इसी तरह से एक गश्ती साइकिल भी तैयारी की गई है जो मैकेनिकल विभाग के कर्मचारियों द्वारा मदद के लिए उपलब्ध रहेंगी.
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