लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में एक भारतीय संसदीय शिष्टमंडल सात से नौ सितंबर 2021 तक वियना, ऑस्ट्रिया की यात्रा पर जाएगा. इस शिष्टमंडल में राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश, और लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह भी शामिल रहेंगे. यह शिष्टमंडल सात और आठ सितंबर को संसदों के अध्यक्षों के पांचवे विश्व सम्मेलन और नौ सितंबर को आतंकवाद का मुकाबला करने संबंधी प्रथम वैश्विक संसदीय शिखर सम्मेलन में भाग लेगा. इन सम्मेलनों का आयोजन अंतर-संसदीय संघ (IPU), जिनेवा और ऑस्ट्रिया की संसद मिलकर संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से कर रहे हैं. लोकसभा सचिवालय के संयुक्त सचिव डॉ अजय कुमार शिष्टमंडल के सचिव हैं.
कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद यह पहला ऐसा अंतरराष्ट्रीय संसदीय कार्यक्रम होगा जिसमे प्रतिभागी शारीरिक रूप से भाग लेंगे. लोकसभा अध्यक्ष बिरला संसदों के अध्यक्षों के पांचवें विश्व सम्मेलन में दो प्रस्तावों पर होने वाली आम चर्चा में भाग लेंगे. पहला प्रस्ताव है - कोविड -19 महामारी से उपजी चुनौतियों का सामना करने के लिए विश्व स्तर पर की गई कार्रवाई और जनता की सहायता करने में बहुपक्षवादी कार्यनीति की सफलता. और दूसरा प्रस्ताव है- महिलाओं और बालिकाओं के प्रति भेदभाव करने वाले कानूनों का निरसन ही लैंगिक समानता की दिशा में एकमात्र उपाय है.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला "संसद और वैश्विक शासन: अनफिनिश्ड एजेंडा" विषय पर पैनल चर्चा में भाग लेंगे. राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश भी इस पैनल चर्चा में भाग लेंगे.
संसदों के अध्यक्षों के पांचवें शिखर सम्मेलन के अंत में इस सम्मेलन के मुख्य विषय ‘जनसाधारण और पृथ्वी के लिए शांति और सतत विकास का मार्ग प्रशस्त करने हेतु प्रभावी बहुपक्षीय कार्यवाही के लिए संसदीय नेतृत्व' पर एक उच्च स्तरीय घोषणा पारित की जाएगी जिसमें कोविड -19 महामारी के संकट काल में दुनिया की सभी संसदों की एकजुटता को दर्शाया जाएगा .
इन सम्मेलनों के साथ आयोजित कार्यक्रमों के दौरान, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) के सदस्य संसदों के समकक्ष विशिष्टजनों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे.
संसद के अध्यक्षों का पांचवां विश्व सम्मेलन वर्तमान कोविड -19 महामारी तथा पूरी दुनिया में लोगों और अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ रहे इसके विनाशकारी प्रभाव की पृष्ठभूमि में आयोजित किया जा रहा है. इस सम्मेलन का उद्देश्य बहुपक्षवाद और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करते हुए एक बेहतर विश्व का पुनर्निर्माण करना है.
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