नई दिल्ली:
चीनी नौसेना के तेजी से आधुनिकीकरण पर ‘गंभीर चिंता’ जताते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके जोशी ने स्पष्ट किया कि दक्षिण चीन सागर में भारत अपने हितों की रक्षा करेगा, भले ही वहां बल भेजना हो। उन्होंने कहा कि चीनी नौसेना का आधुनिकीकरण वाकई आकर्षक है। वास्तव में यह हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय है, हम इसका सतत मूल्यांकन करते हैं और अपने विकल्प तथा रणनीति तैयार करते हैं।
नौसेना प्रमुख दक्षिण चीन सागर में भारतीय हितों की रक्षा और चीनी नौसेना के आधुनिकीकरण के संबंध में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे।
नौसेना प्रमुख जोशी ने चीनी नौसेना के आधुनिकीकरण को एक प्रमुख चिंता बताते हुए कहा कि भारत लगातार क्षमताएं हासिल कर रहा है और समुद्री क्षेत्र में पैदा हो रही सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए अपने बुनियादी ढांचे में लगातार सुधार कर रहा है।
एडमिरल जोशी ने नौसेना दिवस, चार दिसम्बर से एक दिन पहले कहा, "चीनी नौसेना का आधुनिकीकरण वास्तव में प्रभावकारी है.. हमारे लिए वास्तव में यह चिंता का एक प्रमुख कारण है। इसके मद्देनजर हम अपने विकल्पों व रणनीतियों पर लगातार काम करते हैं और उसका मूल्यांकन करते हैं।"
समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करने में भारतीय नौसेना की प्रमुख जिम्मेदारी का जिक्र करते हुए जोशी ने कहा कि जहां नौसेना किसी भी तरह के पारम्परिक खतरे से निपटने के लिए तैयार है, वहीं पैदा हो रही सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए यह लगातार क्षमताएं हासिल कर रही है और अपने सामरिक तौर-तरीकों में बदलाव कर रही है।
नौसेना प्रमुख ने कई सारी चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाने तथा नौसैन्य अधोसंरचना के आधुनिकीकरण को गति प्रदान करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "पैदा हो रही समुद्री चुनौतियों व खतरों से निपटने के लिए नौसेना का आधुनिकीकरण और इसकी क्षमताओं का सम्वर्धन जारी रहने वाली एक प्रक्रिया है। इसमें विमान वाहकों, खुफिया युद्ध पोतों, विध्वंशकों, वाहकों, पोतों व पनडुब्बियों के अधिग्रहण शामिल हैं।"
एडमिरल जोशी ने कहा, "नौसेना अपनी चौकसी और अभिन्न उड्डयन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक विमान और हेलीकॉप्टरों को भी बेड़े में शामिल करने वाली है।"
नौसेना प्रमुख दक्षिण चीन सागर में भारतीय हितों की रक्षा और चीनी नौसेना के आधुनिकीकरण के संबंध में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे।
नौसेना प्रमुख जोशी ने चीनी नौसेना के आधुनिकीकरण को एक प्रमुख चिंता बताते हुए कहा कि भारत लगातार क्षमताएं हासिल कर रहा है और समुद्री क्षेत्र में पैदा हो रही सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए अपने बुनियादी ढांचे में लगातार सुधार कर रहा है।
एडमिरल जोशी ने नौसेना दिवस, चार दिसम्बर से एक दिन पहले कहा, "चीनी नौसेना का आधुनिकीकरण वास्तव में प्रभावकारी है.. हमारे लिए वास्तव में यह चिंता का एक प्रमुख कारण है। इसके मद्देनजर हम अपने विकल्पों व रणनीतियों पर लगातार काम करते हैं और उसका मूल्यांकन करते हैं।"
समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करने में भारतीय नौसेना की प्रमुख जिम्मेदारी का जिक्र करते हुए जोशी ने कहा कि जहां नौसेना किसी भी तरह के पारम्परिक खतरे से निपटने के लिए तैयार है, वहीं पैदा हो रही सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए यह लगातार क्षमताएं हासिल कर रही है और अपने सामरिक तौर-तरीकों में बदलाव कर रही है।
नौसेना प्रमुख ने कई सारी चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाने तथा नौसैन्य अधोसंरचना के आधुनिकीकरण को गति प्रदान करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "पैदा हो रही समुद्री चुनौतियों व खतरों से निपटने के लिए नौसेना का आधुनिकीकरण और इसकी क्षमताओं का सम्वर्धन जारी रहने वाली एक प्रक्रिया है। इसमें विमान वाहकों, खुफिया युद्ध पोतों, विध्वंशकों, वाहकों, पोतों व पनडुब्बियों के अधिग्रहण शामिल हैं।"
एडमिरल जोशी ने कहा, "नौसेना अपनी चौकसी और अभिन्न उड्डयन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक विमान और हेलीकॉप्टरों को भी बेड़े में शामिल करने वाली है।"
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