अहमदाबाद:
गुजरात के आगे अंतरराष्ट्रीय समुद्र सीमा में पाकिस्तान की मरीन पुलिस की फायरिंग में एक भारतीय मछुआरे की मौत की खबर है।
यह फायरिंग द्वारका के पास ओखा पोर्ट की नाव प्रेम राज पर की गई। इंडियन कोस्ट गार्ड ने भी दो जहाज विजित और मीराबेन घटनास्थल पर भेज दिए हैं। ये दोनों जहाज इस मामले की तलाशी और जांच लिए भेजे गए हैं।
मिली सूचना के मुताबिक, 8 सितंबर को प्रेम सागर नाव पर पांच लोग सवार होकर निकले थे और पाकिस्तानी मरीन पुलिस ने शुक्रवार की सुबह इस बोट पर फायरिंग की।
पाकिस्तान के नज़रिया से भारत पाक मछुआरों से जुड़ा विवाद पर एक नजर :
- भारतीय मछुआरे बड़ी तादाद में पाक जल क्षेत्र में जाते हैं।
- पाकिस्तान से इस मुक़ाबले बहुत ही कम मछुआरे भारतीय क्षेत्र में आते हैं।
- भारत के लिए मछली बाज़ार बड़ा है, अत्यधिक मछली मार से भारतीय इलाक़े में कैच कम होता है।
- भारतीय मछुआरे कई दिनों के अभियान पर बड़े बोट पर पर्याप्त ईंधन रसद लेकर जाते हैं।
- वे कहते हैं भटक कर पहुंच गए।
- पाकिस्तान 'भटकने' की परिभाषा और सीमा तय करने को भारत को कई बार कह चुका है।
- वे कहता है कि 10-20 समुद्री मील कोई भटक सकता है, पर 150-200 मील नहीं।
- कई भारतीय मछुआरे पाकिस्तान तट के 20-30 मील पास तक पहुंच जाते हैं।
- इनके पास जीपीएस भी होता है।
- छोटी डोंगी लेकर लंबी दूरी तय नहीं कर सकते, अत: छोटे मछआरे ऐसा नहीं करते।
- मछली व्यवसाय के बड़े व्यापारी मज़दूरी पर ग़रीब मछुआरों को भेजते हैं।
- लाल परी नाम की मछली ख़ास पाक इलाक़े में पाई जाती है जो महंगी बिकती है।
- पाक मेरीन/मेला जब इनको पकड़ती है, तो बहुत बार इनके डीज़ल रसद समुद्र में गिरा देती है। इतना छोड़ती है कि ये भारतीय तट तक वापस पहुंच सकें।
- पहली बार पकड़ी गई बोट को सामान्यत: कड़ी चेतावनी देकर कर छोड़ देती है।
- बोट पर महिला या बुज़ुर्ग होने पर उनको वापस भेज देती है।
- ऐसा इसलिए कि कराची जेल में क़ैदियों को रखने की जगह कम पड़ती है।
- बार बार उल्लधन करने वालों तो बख़्शती नहीं
- पाकिस्तान बार बार बड़ी तादाद में मछुआरों की रिहाई भी करता रहता है क्योंकि उनको खिलाने पिलाने पर भी ख़र्च होता है।
- पाकिस्तान में मछलीमार बड़ा व्यवसाय नहीं है।
- पाकिस्तान में भारतीय मछुआरों को मदद करने वाले लोकल हैं, जो पैसे की ख़ातिर ऐसा करते हैं।
- ये भारत की सुरक्षा के लिए ख़तरा भी हो सकते हैं।
यह फायरिंग द्वारका के पास ओखा पोर्ट की नाव प्रेम राज पर की गई। इंडियन कोस्ट गार्ड ने भी दो जहाज विजित और मीराबेन घटनास्थल पर भेज दिए हैं। ये दोनों जहाज इस मामले की तलाशी और जांच लिए भेजे गए हैं।
मिली सूचना के मुताबिक, 8 सितंबर को प्रेम सागर नाव पर पांच लोग सवार होकर निकले थे और पाकिस्तानी मरीन पुलिस ने शुक्रवार की सुबह इस बोट पर फायरिंग की।
पाकिस्तान के नज़रिया से भारत पाक मछुआरों से जुड़ा विवाद पर एक नजर :
- भारतीय मछुआरे बड़ी तादाद में पाक जल क्षेत्र में जाते हैं।
- पाकिस्तान से इस मुक़ाबले बहुत ही कम मछुआरे भारतीय क्षेत्र में आते हैं।
- भारत के लिए मछली बाज़ार बड़ा है, अत्यधिक मछली मार से भारतीय इलाक़े में कैच कम होता है।
- भारतीय मछुआरे कई दिनों के अभियान पर बड़े बोट पर पर्याप्त ईंधन रसद लेकर जाते हैं।
- वे कहते हैं भटक कर पहुंच गए।
- पाकिस्तान 'भटकने' की परिभाषा और सीमा तय करने को भारत को कई बार कह चुका है।
- वे कहता है कि 10-20 समुद्री मील कोई भटक सकता है, पर 150-200 मील नहीं।
- कई भारतीय मछुआरे पाकिस्तान तट के 20-30 मील पास तक पहुंच जाते हैं।
- इनके पास जीपीएस भी होता है।
- छोटी डोंगी लेकर लंबी दूरी तय नहीं कर सकते, अत: छोटे मछआरे ऐसा नहीं करते।
- मछली व्यवसाय के बड़े व्यापारी मज़दूरी पर ग़रीब मछुआरों को भेजते हैं।
- लाल परी नाम की मछली ख़ास पाक इलाक़े में पाई जाती है जो महंगी बिकती है।
- पाक मेरीन/मेला जब इनको पकड़ती है, तो बहुत बार इनके डीज़ल रसद समुद्र में गिरा देती है। इतना छोड़ती है कि ये भारतीय तट तक वापस पहुंच सकें।
- पहली बार पकड़ी गई बोट को सामान्यत: कड़ी चेतावनी देकर कर छोड़ देती है।
- बोट पर महिला या बुज़ुर्ग होने पर उनको वापस भेज देती है।
- ऐसा इसलिए कि कराची जेल में क़ैदियों को रखने की जगह कम पड़ती है।
- बार बार उल्लधन करने वालों तो बख़्शती नहीं
- पाकिस्तान बार बार बड़ी तादाद में मछुआरों की रिहाई भी करता रहता है क्योंकि उनको खिलाने पिलाने पर भी ख़र्च होता है।
- पाकिस्तान में मछलीमार बड़ा व्यवसाय नहीं है।
- पाकिस्तान में भारतीय मछुआरों को मदद करने वाले लोकल हैं, जो पैसे की ख़ातिर ऐसा करते हैं।
- ये भारत की सुरक्षा के लिए ख़तरा भी हो सकते हैं।
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