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This Article is From Sep 19, 2019

RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास बोले, वैश्विक जोखिम बढ़ने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत

रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बृहस्पतिवार को कहा कि वैश्विक जोखिम बढ़ा है पर भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है.

RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास बोले, वैश्विक जोखिम बढ़ने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत
रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (फाइल फोटो)
मुंबई:

रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बृहस्पतिवार को कहा कि वैश्विक जोखिम बढ़ा है पर भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है. उन्होंने कहा कि इसकी एक प्रमुख वजह कुल कर्ज में विदेशी ऋण का हिस्सा केवल 19.7 प्रतिशत है. उन्होंने यह भी कहा कि सब्सिडी और मुद्रास्फीति का स्तर कम होने से सऊदी अरब के वर्तमान तेल संकट का भी भारत के राजकोषीय घाटे पर असर सीमित रहेगा. उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर पर अभी कोई मंदी की स्थिति नहीं है. ब्लूमबर्ग के एक कार्यक्रम में शक्तिकांत दास ने कहा, ‘वैश्विक जोखिम बढ़ने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है क्योंकि इसकी एक प्रमुख वजह कुल कर्ज में विदेशी ऋण का हिस्सा केवल 19.7 प्रतिशत है.'  

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उन्होंने नरमी से निपटने के लिये सरकार को बजट में निर्धारित खर्च को शुरू में ही करने का सुझाव दिया. दास ने कहा कि आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये नरमी के चक्र से निपटने के उपायों को राजकोषीय गुंजाइश कम है. मुद्रास्फीति के बारे में उन्होंने कहा कि अगले एक साल में मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के नीचे बनी रहने की उम्मीद है. गवर्नर ने बढ़ती वैश्विक चुनौतियों के आघात से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिये और संरचनात्मक सुधारों का भी आह्वान किया. उन्होंने निर्यात-आयात व्यापार में गिरावट को लेकर कहा कि यह चिंता का विषय है. दास ने उम्मीद जतायी कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में कटौती से देश में कोष प्रवाह को गति मिलेगी लेकिन ऐसे पूंजी प्रवाह को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सब्सिडी की कम मात्रा को देखते हुए सऊदी संकट का मुद्रास्फीति और राजकोषीय घाटे पर केवल सीमित प्रभाव होगा.  

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उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब में दो तेल प्रतिष्ठानों पर ड्रोन के हमलों से कच्चे तेल के दाम में अच्छी-खासी वृद्धि देखी गयी है. भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरत का 83 प्रतिशत आयात करता है. इराक के बाद भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता सऊदी अरब है. वित्त वर्ष 2018-19 में सऊदी अरब ने भारत को 4.03 करोड़ टन कच्चा तेल बेचा. वित्त वर्ष के दौरान भारत का कच्चे तेल का आयात 20.73 करोड़ टन रहा. कच्चे तेल के दाम में सोमवार को भारी उछाल आया. ब्रेंट कच्चा तेल 19.5 प्रतिशत बढ़कर 71.95 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था. उसके बाद बाजार कुछ शांत हुआ है. 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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