करगिल विजय के 20 साल पूरे होने पर दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में कार्यक्रम हुआ. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहे. इसमें सेना के शौर्य और वीरता को दिखाया गया. प्रधानमंत्री ने वीरों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि पाकिस्तान के छल को 1999 में भारत ने छलनी कर दिया. मोदी ने कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सैन्यकर्मियों और भूतपूर्व सैनिकों की मौजूदगी में कहा, ‘‘करगिल की जीत भारत के पराक्रम, दृढ़ संकल्प और क्षमता का प्रतीक थी.'' उन्होंने कहा, ‘‘युद्ध सरकारों द्वारा नहीं बल्कि पूरे देश द्वारा लड़े जाते हैं, करगिल की जीत आज भी पूरे देश को प्रेरणा देती है...करगिल हर भारतीय की जीत थी.'' पीएम मोदी ने कहा, 'पाकिस्तान शुरू से ही कश्मीर को लेकर छल करता रहा. 1948, 1965, 1971 उसने यही किया. लेकिन 1999 में उसका छल पहले की तरह फिर एक बार छल की छलनी कर दी गई. जब मैं करगिल गया था, तब करगिल विजय स्थल मेरे लिए तीर्थ स्थल की अनुभूति करा रहा था, युद्ध भूमि में जो माहौल था, वो था. पूरा देश अपने सैनिकों के साथ खड़ा हो गया था. नौजवान रक्तदान के लिए कतारों में खड़े हो गए थे. बच्चों ने अपने गुल्लक वीर जवानों के लिए खोल दिये थे.
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पीएम मोदी ने कहा, 'श्रद्धेय अटल जी ने उस दौर में देशवासियों को भरोसा देता हुए कहा था कि जो जिस देश के लिए जान देते हैं, हम उनकी जीवनभर देखभाल भी न कर सकें, तो मातृभूमि के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करने के अधिकारी नहीं समझे जाएंगे.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'बीते पांच वर्षों में सैनिकों और सैनिकों के परिवारों के कल्याण से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. आजादी के बाद दशकों से जिसका इंतजार था उस 'वन रैंक वन पेंशन' लागू करने का काम हमारी ही सरकार ने पूर्ण किया. इस बार सरकार बनते ही पहला फैसला शहीदों के बच्चों की स्कॉलरशिप बढ़ाने का किया गया. इसके अलावा 'नेशनल वॉर मेमोरियल' भी आज हमारे वीरों की गाथाओं से देश को प्रेरित कर रहा है.'
उन्होंने कहा, 'भारत का इतिहास गवाह है कि भारत कभी आक्रांता नहीं रहा है. मानवता के हित में शांतिपूर्ण आचरण हमारे संस्कारों में है. हमारा देश इसी नीति पर चला है. भारत में हमारी सेना की छवि देश की रक्षा की है. तो विश्व में हम मानवता और शांति के रक्षक भी हैं. करगिल युद्ध के समय अटल जी ने कहा था कि हमारे पड़ोसी को लगता था कि करगिल को लेकर भारत प्रतिरोध करेगा, विरोध प्रकट करेगा और तनाव से दुनिया डर जाएगी. लेकिन हम जवाब देंगे, प्रभावशाली जवाब देंगे उसकी उम्मीद उनको नहीं थी. रोने गिड़गिड़ाने के बजाय प्रभावी जवाब देने की यही रणनीतिक बदलाव दुश्मन पर भारी पड़ गई.'
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पीएम मोदी ने कहा, 'हमारे शूरवीर, हमारी पराक्रमी सेना युद्ध में पारंगत है, लेकिन आज पूरा विश्व जिस स्थिति से गुजर रहा है उसमें युद्ध का स्वरूप बदल गया है. आज विश्व छद्म युद्ध का शिकार है जिसमें आतंकवाद पूरी मानवता को चुनौती दे रहा है. अपनी साजिस से कुछ लोग छद्म युद्ध के सहारे आतंकवाद को बढ़ावा देकर अपना राजनीतिक मकसद पूरा कर रहे हैं. आज लड़ाइयां अंतरिक्ष तक पहुंच गई हैं और साइबर स्तर पर भी लड़ी जाती हैं. इसलिए सेना को आधुनिक बनाना हमारी प्राथमिकता है. जल, थल, नभ सभी जगह हमारी सेना अपने उच्चतम शिखर को प्राप्त करने का सामर्थ्य रखे और आधुनिक बने, ये हमारा प्रयास है. बीते पांच वर्षों में बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम को सशक्त किया गया. देश के 17 राज्यों को साढ़े चार हजार करोड़ रुपये की मदद इसी एक काम के लिए दी गई. जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे लोगों को आरक्षण यह भी इसी कड़ी में लिया गया एक अहम फैसला है. देश के हर नागरिक और अपने शूरवीरों के साझा प्रयासों से देश की सुरक्षा अभेद्य है और अभेद्य रहेगी.'
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