उरी में आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले में 18 जवान शहीद हुए थे (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारत ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को एक बार फिर समन किया और उन्हें 18 सितंबर को हुए उरी हमले से जुड़े सबूत सौंपे. विदेश सचिव एस जयशंकर ने बासित को बताया कि उरी हमले में आतंकियों को घुसपैठ कराने में गाइड की भूमिका निभाने वाले दो पाकिस्तानियों को स्थानीय ग्रामीणों ने 21 सितंबर को पकड़ा था.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक 20 साल का फैजल हुसैन अवान और 19 साल का यासीन खुर्शीद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद के रहने वाले हैं. दोनों अब हिरासत में हैं. उनसे हुई पूछताछ के आधार पर मारे गए चार आतंकवादियों में से एक की पहचान कर ली गई है. उसका नाम हाफिज अहमद था और वह मुजफ्फराबाद का रहने वाला था.
(पढ़ें : पाकिस्तान को दिए 'सबसे तरजीही मुल्क' के दर्जे पर पुनर्विचार करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी)
इसके अलावा 23 सितंबर को अब्दुल कय्यूम नामक पाकिस्तानी को गिरफ्तार किया गया, जो सियालकोट का रहने वाला है. उसने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में तीन महीने की ट्रेनिंग लेने की बात कबूल की है.
साथ ही भारत ने आतंकियों के हैंडलर के रूप में मोहम्मद कबीर अवान और बशरत की पहचान की है. इससे जुड़े सबूत भी बासित को सौंपे गए हैं. विदेश सचिव ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त से ये भी कहा कि भारत के ख़िलाफ पाकिस्तान की ओर से हो रहे लगातार आतंकी हमले बर्दाश्त नहीं किए जा सकते.
(पढ़ें : भारत सिंधु जलसंधि से 'एकतरफा' तरीके से किनारा नहीं कर सकता, अंतरराष्ट्रीय पंचाट में जाएंगे - पाकिस्तान)
गौरतलब है कि बासित को एक बार पहले भी उरी हमले के सिलसिले में तलब किया जा चुका है, तब उनसे हमलावरों के पास से मिले हथियारों और खाने-पीने की चीजों से जुड़े सबूतों का जिक्र किया गया था.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक 20 साल का फैजल हुसैन अवान और 19 साल का यासीन खुर्शीद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद के रहने वाले हैं. दोनों अब हिरासत में हैं. उनसे हुई पूछताछ के आधार पर मारे गए चार आतंकवादियों में से एक की पहचान कर ली गई है. उसका नाम हाफिज अहमद था और वह मुजफ्फराबाद का रहने वाला था.
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इसके अलावा 23 सितंबर को अब्दुल कय्यूम नामक पाकिस्तानी को गिरफ्तार किया गया, जो सियालकोट का रहने वाला है. उसने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में तीन महीने की ट्रेनिंग लेने की बात कबूल की है.
साथ ही भारत ने आतंकियों के हैंडलर के रूप में मोहम्मद कबीर अवान और बशरत की पहचान की है. इससे जुड़े सबूत भी बासित को सौंपे गए हैं. विदेश सचिव ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त से ये भी कहा कि भारत के ख़िलाफ पाकिस्तान की ओर से हो रहे लगातार आतंकी हमले बर्दाश्त नहीं किए जा सकते.
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गौरतलब है कि बासित को एक बार पहले भी उरी हमले के सिलसिले में तलब किया जा चुका है, तब उनसे हमलावरों के पास से मिले हथियारों और खाने-पीने की चीजों से जुड़े सबूतों का जिक्र किया गया था.
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जैश-ए-मोहम्मद, Uri Terror Attack, Pakistan, Abdul Basit, Pakistan High Commissioner, S Jaishankar, Foreign Secretary