
भारत और रूस के बीच कई अहम द्विपक्षीय समझौते हुए
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भारत और रूस के बीच कई अहम समझौते हुए
ऊर्जा, पोतनिर्माण, अंतरिक्ष, स्मार्ट सिटी पर सहयोग के विभिन्न करार हुए
पीएम ने कहा- दोनों देशों के कारोबार, उद्योग आज ज्यादा गहराई से जुड़े
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कुडनकुलम परमाणु संयंत्रण की इकाई 3 और 4 की बुनियाद रखी. भारत और रूस ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के निर्माण की फील्ड में भी सहयोग करने जा रहे हैं. रूसी कंपनी रोजनेफ्ट और उसके भागीदारों ने एस्सार ऑयल की रिफाइनरी, बंदरगाह और पेट्रोल पंप कारोबार को खरीदा है. एस्सार के इन कारोबारों का मूल्य 12.9 अरब डॉलर आंका गया है. एस्सार और रोजनेफ्ट के बीच यह सौदा नकदी में होगा और इसके अगले साल पहली तिमाही तक संपन्न होने की उम्मीद है. अधिग्रहणकर्ता एस्सार ऑयल पर चार अरब डॉलर के कर्ज की जिम्मेदारी उठाएंगे.
पीएम मोदी ने भारत-रूस रिश्तों पर कहा, सचमुच हमारे बीच विशिष्ट एवं अनूठे रिश्ते हैं. हम सरहद पार आतंकवाद से निबटने के मुद्दे पर रूस की समझ और समर्थन की गहरी प्रशंसा करते हैं. आतंकवाद से निबटने की जरूरत पर रूस का स्पष्ट रूख हमारे अपने रूख को प्रतिबिंबित करता है.
पीएम ने कहा कि दोनों देशों के कारोबार, उद्योग आज ज्यादा गहराई से जुड़े हैं. पीएम मोदी ने कहा कि आतंक के ख़िलाफ़ लड़ाई में दोनों साथ हैं, दो नए दोस्तों से एक पुराना दोस्त अच्छा.
Russia’s clear stand on the need to combat terrorism mirrors our own: PM Modi #BRICS2016 pic.twitter.com/FrumtG3HCs
— ANI (@ANI_news) October 15, 2016
भारत दुनिया का सबसे अधिक रक्षा संबंधी उपकरण व तकनीक का आयातक है. फिलहाल भारत अपने सोवियत युग के मिलिट्री उपकरणों को अपग्रेड करने की प्रक्रिया में है. शीत युद्द के समय से भारत रूस का सबसे करीबी सैन्य सहयोगी रहा है. भारत ही रूस से सबसे ज्यादा रक्षा उपकरण आयातक रहा. हालांकि हालिया वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंध पनपे और भारत ने यूएस से अधिक आयात किए.
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