
- भारत में अवामी लीग के दफ्तर खोले जाने के बांग्लादेश के दावों को भारत सरकार ने खारिज किया है.
- MEA ने कहा कि हम भारत से किसी देश के खिलाफ राजनीतिक गतिविधियां चलाने की अनुमति नहीं देते.
- भारत ने बांग्लादेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराए जाने की जरूरत पर जोर दिया है.
भारत सरकार ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के उन आरोपों को सख्ती से खारिज किया है, जिसमें दावा किया गया था कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के सदस्य भारत से बांग्लादेश विरोधी गतिविधियां चला रहे हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत सरकार को भारत में अवामी लीग के कथित सदस्यों द्वारा किसी भी प्रकार की बांग्लादेश विरोधी गतिविधियों की जानकारी नहीं है और न ही किसी ऐसी कार्रवाई की अनुमति है, जो भारतीय कानून के खिलाफ हो. भारत सरकार अपनी धरती से किसी अन्य देश के खिलाफ राजनीतिक गतिविधियां चलाने की अनुमति नहीं देती है. ऐसे में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का मीडिया में दिया गया बयान भ्रामक है.
Our response to media queries on the Press Statement issued by the Interim Government of Bangladesh⬇️
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) August 20, 2025
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भारत सरकार ने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि बांग्लादेश में जल्द से जल्द स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराए जाने चाहिए ताकि वहां की जनता की इच्छा और जनादेश को सही प्रतिनिधित्व और सम्मान मिल सके.
बांग्लादेश सरकार ने अपने बयान में चिंता जताते हुए दावा किया था कि अवामी लीग के सदस्य नई दिल्ली और कोलकाता में अपने ऑफिस खोल रहे हैं. बांग्लादेश का कहना था कि ऐसी गतिविधियां पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंधों और एकदूसरे के कार्यों में दखल न देने की नीति को कमजोर करती हैं.
याद दिला दें कि 5 अगस्त 2024 को छात्र आंदोलन से हिंसा भड़क उठी थी, जिसके बाद शेख हसीना को पीएम पद छोड़ना पड़ा था. तभी से भारत में अज्ञातवास पर हैं. उसके बाद से मोहम्मद युनूस को कार्यवाहक सरकार के प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. यूनुस ने जब से बांग्लादेश में कमान संभाली है, दोनों देशों के संबंधों में गिरावट आई है. खासकर हिंदुओं पर हमलों को लेकर काफी तनाव बढ़ा है. यूनुस इन हमलों को लगातार नजरअंदाज करते रहे हैं.
बांग्लादेश के चुनाव आयोग ने अगले साल फरवरी में आम चुनाव कराने की घोषणा की है. लेकिन ये चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल में हो पाएंगे, ये एक बड़ा सवाल है.
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