PM Narendra Modi UNGA Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी (Narendra Modi) ने कई मुद्दे उठाए. पीएम मोदी ने एक बार फिर इस वैश्विक मंच से शांति का संदेश देते हुए कहा, हमने दुनिया को शांति का पैगाम दिया. संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में में सबसे बड़ा बलिदान अगर किसी देश ने दिया है, तो वो देश भारत है. हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं, शांति का संदेश दिया है.' इससे पहले पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि यह अवसर इसलिये भी महत्वपूर्ण है कि इस वर्ष हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 14वें सत्र को 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से संबोधित करना, मेरे लिए गौरव का अवसर है.'
उन्होंने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र की इमारत की दीवार पर आज मैंने पढ़ा- नो मोर सिंगल यूज प्लास्टिक. मुझे सभा को ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आज जब मैं आपको संबोधित कर रहा हूं, उस वक्त हम पूरे भारत को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के लिए एक बड़ा अभियान चला रहे हैं.'
UNGA में बोले PM मोदी, हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी और आक्रोश भी
पीएम मोदी ने कहा, 'दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में, दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों ने वोट देकर, मुझे और मेरी सरकार को पहले से ज्यादा मजबूत जनादेश दिया. इस जनादेश की वजह से ही आज फिर मैं यहां हूं. अगले 5 वर्षों में हम जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ ही 15 करोड़ घरों को पानी की सप्लाई से जोड़ने वाले हैं. 2022 में जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मनाएगा, तब तक हम गरीबों के लिए 2 करोड़ और घरों का निर्माण करने वाले हैं.'
PM मोदी ने 17 मिनट के अपने संबोधन में दिया शांति और सद्भाव का संदेश, 10 खास बातें
प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमारे देश की संस्कृति हजारों वर्ष पुरानी है, जिसकी अपनी जीवंत परंपराएं हैं, जो वैश्विक सपनों को अपने में समेटे हुए है. हमारे संस्कार, हमारी संस्कृति, जीव में शिव देखती है. जब एक विकासशील देश, दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम सफलतापूर्वक चलाता है, 50 करोड़ लोगों को हर साल 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देता है, तो उसके साथ बनी संवेदनशील व्यवस्थाएं पूरी दुनिया को एक नया मार्ग दिखाती हैं. हमारी प्रेरणा है- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास. हम 130 करोड़ भारतीयों को केंद्र में रखकर प्रयास कर रहे हैं लेकिन ये प्रयास जिन सपनों के लिए हो रहे हैं, वो सारे विश्व के हैं, हर देश के हैं, हर समाज के हैं. प्रयास हमारे हैं, परिणाम सारे संसार के लिए हैं.
भारत जिन विषयों को उठा रहा है, जिन नए वैश्विक मंचों के निर्माण के लिए भारत आगे आया है, उसका आधार वैश्विक चुनौतियां हैं, वैश्विक विषय हैं और गंभीर समस्याओं के समाधान का सामूहिक प्रयास है. हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी. हम मानते हैं कि ये किसी एक देश की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की और मानवता की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है. आतंक के नाम पर बंटी हुई दुनिया, उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है, जिनके आधार पर UN का जन्म हुआ है. इसलिए मानवता की खातिर आतंक के खिलाफ पूरे विश्व का एकमत होना, एकजुट होना मैं अनिवार्य समझता हूं. 21वीं सदी की आधुनिक टेक्नोलॉजी, समाज, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, कनेक्टिविटी और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सामूहिक परिवर्तन ला रही है. इन परिस्थितियों में एक बिखरी हुई दुनिया किसी के हित में नहीं है. ना ही हम सभी के पास अपनी-अपनी सीमाओं के भीतर सिमट जाने का विकल्प है.
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