
- भारत की अर्थव्यवस्था 2025 की पहली तिमाही में 7.8% की तेज गति से बढ़ रही है
- ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की विकास दर को बढ़ाकर वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 6.9% कर दिया है
- एस एंड पी ग्लोबल ने बेहतर मानसून, आसान मौद्रिक नीतियों और कम कच्चे तेल की कीमतों का हवाला दिया
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए लगातार अच्छी खबरें आ रही हैं. साल 2025 की पहली तिमाही में इकोनॉमी 7.8% की रफ्तार से भाग रही है, वहीं जीएसटी में रिफॉर्म और इनकम टैक्स में कमी की वजह से घरेलू डिमांड जबरदस्त तरीके से बढ़ने का अनुमान है. इसी बीच कई क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने भारत के विकास की रफ्तार को तूफानी बताया है.

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने विकास दर को बढ़ाया
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने अपने लेटेस्ट ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक में भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर पॉजिटिव अनुमान जताया है. रेटिंग एजेंसी के अनुसार, भारत अगले तीन साल तक 6% से ऊपर की ग्रोथ रेट बनाए रखेगा. मार्च 2026 को खत्म होने वाले वित्त वर्ष के लिए फिच ने अपना अनुमान पहले के 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है.
S&P ने घरेलू डिमांड को बताया देश की ताकत
वहीं, एस एंड पी ग्लोबल ने अपना अनुमान 6.5% रखा है. एजेंसी ने कहा है कि देश मे अच्छा मानसून, आसान मौद्रिक नीतियों और सस्ते कच्चे तेल की कीमतों की वजह से देश में आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ेंगी. इसी वजह से भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है.
IMF ने कहा, देश में आर्थिक माहौल पॉजिटिव
इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत के विकास की रफ्तार 6.4% रहने का अनुमान लगाया है. आईएमएफ के अनुसार भारत में व्यापार से जुड़े कई नियमों को सरल बनाया गया है. साथ ही देश के लिए वैश्विक आर्थिक माहौल अच्छा बना हुआ है.
वर्ल्ड बैंक ने कहा, भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में सबसे तेज
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की आर्थिक विकास दर 6.3% रह सकती है. रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज विकास की दर को बनाए रखेगा. हालांकि वैश्विक स्तर पर मंदी का असर रह सकता है.
एशियन डेवलपमेंट बैंक के अनुसार 'अच्छा मानसून' देश के लिए अच्छा
एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने जुलाई में अपनी रिपोर्ट जारी की थी, जिसके अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी दर 6.5% रह सकती है. वहीं वित्तीय वर्ष 2026-27 में ये विकास दर 6.7% तक बढ़ सकती है. एडीबी ने बताया कि देश में मजबूत घरेलू मांग, अच्छा मानसून, सरकार निवेश में इजाफा होने की वजह से तेजी से विकास की तरफ अग्रसर रहेगा.
खेती, इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर में लगातार मजबूती बनी: RBI
भारतीय रिजर्व बैंक की बात करें तो देश के केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा है. RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि खेती, इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर में लगातार मजबूती बनी हुई है. इसके अलावा ग्रामीण और शहरी मांग भी धीरे-धीरे बढ़ रही है, जिससे घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है.
घरेलू डिमांड बढ़ने से प्रोडक्शन में इजाफा होगा: वित्त मंत्रालय
देश के रिजर्व बैंक और कई एजेंसियों के साथ भारत सरकार भी जीडीपी दर को लेकर निश्चिंत है. वित्त मंत्रालय के अनुसार देश की विकास दर 6.3%-6.8% रहने की उम्मीद है. सरकार का मानना है फेस्टिव सीजन और रिफॉर्म के जरिए देश में घरेलू डिमांड बढ़ने से प्रोडक्शन में इजाफा होगा. साथ ही देश आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया मुहिम के तहत अपने घरेलू बाजार को मजबूत लगातार कर रहा है.
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