चीन के द्वारा हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र (एसएआर) के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पारित करने के बाद, भारत ने संयुक्त राष्ट्र के सामने अपनी चिंता जताई है. भारत का कहना है कि हांगकांग में भारी संख्या में भारतीय प्रवासी रहते हैं. भारत का कहना है कि चीन के कदम से इस वैश्विक वित्तीय केंद्र के स्वतंत्रता और स्वायत्तता को चोट पहुंचेगा.भारत के राजदूत और संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि राजीव के चंदर ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि चीन के हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में बड़ी संख्याओं में रह रहे भारतीय समुदाय के हित को देखते हुए, भारत हालिया घटनाक्रमों पर कड़ी नजर रखे हुए है. हाल के दिनों में इस मुद्दे पर कई तरह चिंतित करने वाले बयान सामने आए हैं.
#WATCH Given the large Indian community that makes #HongKong its home, India has been keeping a close watch on recent developments... : Rajiv K Chander,India's ambassador&permanent representative to the UN in Geneva pic.twitter.com/qeu5huexRm
— ANI (@ANI) July 1, 2020
गौरतलब है कि भारत और चीन के रिश्ते में हाल के दिनों में गिरावट आयी है. NDTV को मिली 25 जून की हाई रिजोल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरों में भारतीय क्षेत्र के 423 मीटर के इलाके में चीन के 16 टेंट, तिरपाल, एक बड़ा शेल्टर और कम से कम 14 गाड़ियां नजर आ रही थी. 1960 के चीनी दावे में बीजिंग के इस क्षेत्र में अपनी सीमा होने का सटीक अक्षांश और देशांतर सहित 'भारत के अधिकारियों की रिपोर्ट' और सीमा के प्रश्न पर पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का उल्लेख किया गया था.'
भारत और चीन एलएसी पर तनाव को लेकर सैन्य स्तर पर और कूटनीतिक स्तर पर लगातार बातचीत कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक 30 जून को भारत की तरफ चुशूल में भारतीय सेना के कमांडर और पीएलए के कमांडर के बीच बातचीत हुई. कमांडर स्तर पर यह तीसरे दौर की बातचीत थी जिसमें एलएसी पर जहां-जहां तनाव बना हुआ है वहां पर किस प्रकार तनाव कम किया जाए और डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया की शुरुआत हो, इस पर चर्चा हुई. दोनों पक्षों ने चरणबद्ध तरीके से तेजी के साथ डीएस्केलेशन को प्राथमिकता देते हुए इस पर जोर दिया.
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