पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले(Pulwama Attack) के बाद भारत ने एक्शन मोड में आते हुए सीमा पार चल रहे जैश के कई आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया. भारत की एयर स्ट्राइक(Air Strike) के जवाब में जब पाकिस्तानी एयर फोर्स ने भी सीमा में घुसने की कोशिश की तो खदेड़ दिया गया. मगर इस दौरान एक भारतीय पायलट को पाकिस्तान ने हिरासत में ले लिया. इन सब घटनाक्रमों के बीच सरहद पर तनाव बढ़ गया है. अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने जैश-ए-मोहम्मद को संयुक्त राष्ट्र संघ से प्रतिबंधित करने की जहां अपील की है, वहीं पाकिस्तान को आतंकियों पर कार्रवाई करने को कहा है. मगर पाकिस्तान की ओर से आतंकियों के खिलाफ कदम न उठाए जाने के चलते सीमा पर तनाव जारी है.लगातार पाकिस्तान की ओर से सीजफायर तोड़े जाने से सीमा पर युद्ध जैसे हालात बनते दिख रहे हैं. अगर दोनों देशों के बीच युद्ध के इतिहास की बात करें तो अब तक पाकिस्तान से चार बार भिड़ंत हो चुकी है और हर बार उसे हार का सामना करना पड़ा है.
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1947-48 का भारत-पाक युद्ध
भारत और पाकिस्तान को आज़ादी मिलने के कुछ ही हफ्ते बाद अक्टूबर, 1947 में शुरू हुए 'कश्मीर युद्ध' को पहला भारत-पाकिस्तान युद्ध कहा जाता है. इस दौरान पाकिस्तानी सेना के समर्थन से जनजातीय लड़ाकुओं, यानी कबायलियों ने बड़ी तादाद में कश्मीर में घुसकर कुछ हिस्सों पर कब्ज़ा कर लिया था. लगभग छह महीने तक चले संघर्ष के बाद 22 अप्रैल, 1948 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रिसॉल्यूशन 47 पारित किया, जिसके बाद दोनों देशों के तत्कालीन मोर्चों को ही स्थायी बना दिया गया, जिसे अब नियंत्रण रेखा, यानी LoC कहा जाता है. 1 जनवरी, 1949 की रात को 23:59 बजे औपचारिक संघर्षविराम घोषित किया गया. युद्ध के बाद भारत का कब्ज़ा कश्मीर के कुल भौगोलिक क्षेत्र के लगभग दो-तिहाई हिस्से (कश्मीर घाटी, जम्मू और लद्दाख) पर नियंत्रण रह गया, जबकि शेष लगभग एक तिहाई हिस्से (पाक-अधिकृत कश्मीर और गिलगिट-बाल्टिस्तान) पर पाकिस्तान का कब्ज़ा रह गया.
1965 का भारत-पाक युद्ध
इस बार भी पाकिस्तान की शुरुआत की वजह से युद्ध शुरू हुआ था. दरअसल, पाकिस्तान ने 'ऑपरेशन जिब्राल्टर' चलाया, जिसके तहत पाकिस्तान ने जम्मू एवं कश्मीर में सेना भेजकर भारतीय शासन के विरुद्ध विद्रोह शुरू करवाने की साज़िश रची थी. जवाब में भारत ने भी पश्चिमी पाकिस्तान पर बड़े पैमाने पर सैन्य हमले शुरू कर दिए. 17 दिन तक लगातार चली जंग में हज़ारों की जनहानि हुई थी, और अंततः तत्कालीन सोवियत संघ (USSR) और संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के राजनयिक हस्तक्षेप के युद्धविराम घोषित किया गया था. वर्ष 1966 के पहले महीने में भारत और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्रियों ने ताशकन्द समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
1971 का भारत-पाक युद्ध
इस युद्ध को 'बांग्लादेश का स्वतंत्रता संग्राम' भी कहा जाता है, क्योंकि दुनिया में सबसे कम अवधि तक चले युद्धों में शुमार की जाने वाली इस जंग का खात्मा बांग्लादेश के गठन के साथ ही हुआ था. भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सभी युद्धों में 1971 की हार को पाकिस्तान की सबसे बड़ी हार कहा जाता है. इस युद्ध के अंत में पूर्वी पाकिस्तान आज़ाद घोषित कर दिया गया, और बांग्लादेश के रूप में नए देश का गठन हुआ. 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तानी सेना ने सरेंडर कर दिया था, और ढाका में पाकिस्तानी लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाज़ी ने भारत के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष आत्मसमर्पण पत्र पर हस्ताक्षर किए थे. इस युद्ध में 90,000 से 93,000 पाकिस्तानी युद्धबंदी भी भारत की हिरासत में थे, जिन्हें रिहा कर दिया गया.
1999 का कारगिल युद्ध
भारत और पाकिस्तान के परमाणु शक्तिसंपन्न बन जाने के बाद मई और जुलाई, 1999 के दौरान दोनों देशों के बीच हुए पहले सशस्त्र संघर्ष को कारगिल युद्ध, या भारतीय पहलू से 'ऑपरेशन विजय' के नाम से जाना जाता है. दरअसल, पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी आतंकवादियों ने भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूद नियंत्रण रेखा को पार कर भारतीय इलाकों पर कब्ज़ा करने की कोशिश की. भारतीय थलसेना और वायुसेना ने उन ठिकानों पर हमला कर दिया, जिन पर पाकिस्तान ने कब्ज़ा कर लिया था, और पाकिस्तान को सीमा पार लौट जाने के लिए मजबूर कर दिया. पाकिस्तान का दावा था कि भारतीय सेना से लड़ने वाले सभी कश्मीरी आतंकवादी हैं, लेकिन युद्ध के दौरान बरामद दस्तावेज़ से साबित हुआ कि पाकिस्तानी सेना भी प्रत्यक्ष रूप में युद्ध में शामिल थी.
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