आजादी के 75वें वर्षगांठ के अवसर पर पीएम मोदी ने देश को संबोधित किया. लगभग डेढ़ घंटे के अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कई बातें कही. स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया, भारती की उपलब्धियों पर बात की, महिलाओं, युवाओं, किसानों के उत्थान के मुद्दों पर बात की. साथ ही उन्होंने देशवासियों के साथ पांच प्रण साझा किए और देशवासियों से अपील की कि वो पूरी शक्ति के साथ उसके पीछे लग जाएं.
पीएम मोदी ने कहा, " आने वाले 25 साल के लिए हमें 'पंच प्रण' पर अपनी शक्ति, संकल्पों और सामर्थ्य को केंद्रित करना होगा. ये 'पंच प्रण' हैं - अब देश बड़े संकल्प लेकर ही चलेगा और वो बड़ा संकल्प है 'विकसित भारत', किसी भी कोने में, मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश है, हमें उससे मुक्ति पानी ही होगी, हमें हमारी विरासत पर गर्व होना चाहिए, एकता और एकजुटता व नागरिकों का कर्तव्य."
पांच प्रण के अलावा पीएम मोदी ने देश की महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार से भी मुक्ति पाने की अपील की. साथ ही देश की राजनीति में व्याप्त परिवारवाद और भ्रष्टाचार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और वंशवाद की राजनीति भारत के सामने दो सबसे बड़ी चुनौतियां हैं. हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ने की जरूरत है.
साथ ही उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए कहा कि देश कृतज्ञ है मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, असफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल ऐसे अनगिनत ऐसे हमारे क्रांति वीरों ने अंग्रेजों की हुकूमत की नींव हिला दी थी. आजादी की जंग लड़ने वाले और आजादी के बाद देश बनाने वाले भी अनेक महापुरुषों को आज नमन करने का अवसर है.
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