उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आजकल GST रेड को लेकर व्यापारियों में खासा गुस्सा है. ये GST की रेड नोएडा से लेकर खुद मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर तक के व्यापारियों पर डाली गई है. जिसके विरोध में कई शहरों में दुकान बंद करके व्यापारी सड़क पर उतर कर आंदोलन कर रहे हैं तो जेवर कस्बे में व्यापारियों की झडप भी पुलिस के साथ हुई. फिलहाल व्यापारियों के गुस्से को देखते हुए 7 दिन बाद अब राज्य वाणिज्य कर विभाग ने इस रेड को बंद कर दिया है. विभाग का कहना है कि बैंक की लेन देन और कर चोरी की स्थानीय सूचना पर रेड की गयी है. इसमें GST का पंजीकरण न कराने वाले व्यापारियों पर रेड की गई है. उनका कहना है कि ऐसे भी व्यापारियों पर रेड की गई जो पंजीकरण की सीमा के ऊपर व्यापार करके कम टैक्स दे रहे थे.
वहीं व्यापारियों का कहना है कि हम लेग मोबाइल बेचते हैं लेकिन ऊपर कंपनियों से माल लेने जाओं तो वहां बिल नहीं दे रहे हैं ऐसे में हम क्या कर सकते हैं. एक अन्य व्यापारी ने कहा कि मेरा रेस्टोरेंट है मैं खुद ही कारीगर हूं बिरयानी बनाकर बेचता हूं. इसमें बचता ही क्या है?
उधर राज्य वाणिज्यकर विभाग ने रेड करके कई जगहों पर व्यापारियों को टैक्स चोरी करके पकड़ा है. कईयों पर जुर्माना भी लगाया है. लेकिन आधिकारिक तौर पर इस सर्वे के बाबत बात करने से अधिकारी कतरा रहे हैं. वहीं डिप्टी वाणिज्यकर अधिकारी कुलदीप सिंह ने कहा कि देखिए जिन लोगों ने पंजीकरण नहीं करा रखा है उन पर ये कार्रवाई की जा रही है बाकी व्यापारियों को डरने की जरुरत नहीं है.
फिलहाल उत्तर प्रदेश में करीब 26 लाख व्यापारियों का पंजीकरण है. लेकिन सरकार का अनुमान है बिना पंजीकरण के व्यापार करने वालों की तादात 5 लाख से ऊपर है. इसी के चलते अब SGST की टीम करीब-करीब सभी जिलों में सर्वे कर रही है. लेकिन इस सर्वे के तरीके से हजारों छोटे व्यापारी गुस्से में हैं. व्यापारियों के गुस्से को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने भी ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है.
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